नाबालिग की साइबर ठगी: फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर लड़कियों से लूट, 17 साल का आरोपी गिरफ्तार

जशपुर जिले में सोशल मीडिया के दुरुपयोग का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां 17 साल के नाबालिग ने फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर नाबालिग लड़कियों को झांसे में लिया और उनसे लूटपाट की। आरोपी ने आकर्षक युवक की तस्वीरों का उपयोग कर लड़कियों से दोस्ती की और उन्हें सुनसान जगहों पर बुलाकर मोबाइल, नकदी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए ठगी की। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर बाल संप्रेषण गृह भेज दिया है।

दो अलग-अलग थानों में शिकायत से खुलासा
कुनकुरी और नारायणपुर थानों में 3 और 4 जुलाई को दर्ज दो शिकायतों ने इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया। पहली घटना 26 जून की है, जब आरोपी ने एक नाबालिग लड़की को फेसबुक पर बहलाकर मिलने बुलाया। नकाब पहने आरोपी ने धमकी देकर उसका 11 हजार रुपये का मोबाइल लूट लिया।

दूसरी घटना 30 जून को हुई, जब आरोपी ने एक अन्य लड़की को पर्यटक स्थल घूमाने के बहाने नारायणपुर बुलाया। वहां उसने चेहरा गमछे से ढंका था, लेकिन असलियत सामने आने पर उसने लड़की का मोबाइल, 2 हजार रुपये नकद और मोबाइल के जरिए 25 हजार रुपये का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर लिया।

पुलिस की तकनीकी जांच से पकड़ा गया आरोपी
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम गठित की। तकनीकी विशेषज्ञों ने फेसबुक प्रोफाइल और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जांच की, जिससे कुनकुरी क्षेत्र के 17 साल के नाबालिग की पहचान हुई। पुलिस ने आरोपी से दोनों लूटे गए मोबाइल, घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल और उसका निजी मोबाइल बरामद किया। पूछताछ में आरोपी ने दोनों वारदातों को अंजाम देने की बात कबूल की।

लड़कियों की सहेलियों से भी ठगी
जांच में पता चला कि आरोपी ने लूटी गई लड़कियों के मोबाइल से उनकी सहेलियों को बीमारी का बहाना बनाकर मैसेज किए और उनसे भी पैसे मंगवाए। पुलिस को शक है कि आरोपी ने ऐसी और भी वारदातों को अंजाम दिया हो सकता है। इसके लिए उसके मोबाइल डेटा और फेसबुक प्रोफाइल की गहन जांच की जा रही है।

पुलिस की अपील: सोशल मीडिया पर रहें सतर्क
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने अभिभावकों और युवाओं से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर सतर्क रहें और अजनबियों से दोस्ती करने या व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें। उन्होंने कहा कि जशपुर पुलिस ने प्रोफेशनल ढंग से जांच कर आरोपी को पकड़ा है, और इस तरह की वारदातों को रोकने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

यह मामला न केवल लूट बल्कि साइबर ठगी का भी गंभीर उदाहरण है, जो सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल की खतरनाक तस्वीर पेश करता है।