बारिश के साथ जलापूर्ति संकट, नलों से आ रहा मटमैला पानी

कोरबा जिले में बारिश का मौसम शुरू होते ही जलापूर्ति को लेकर समस्याएं बढ़ गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर पालिका निगम और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) द्वारा की जा रही जलापूर्ति में पानी की गुणवत्ता खराब हो गई है। नलों से आने वाले पानी का रंग मटमैला होने के कारण लोग इसे पीने के लिए उपयोग करने से कतरा रहे हैं।

नगर पालिका निगम कोरबा हसदेव नहर के पानी को फिल्टर कर विभिन्न कॉलोनियों और बस्तियों में आपूर्ति करता है, वहीं एसईसीएल का पंप हाउस भी स्थानीय कॉलोनियों में जलापूर्ति करता है। सामान्य मौसम में जलापूर्ति की स्थिति ठीक रहती है, लेकिन बारिश के मौसम में पानी की टर्बिडिटी (गंदलापन) बढ़ने से रंग बदल रहा है। इससे लोगों में पानी की गुणवत्ता को लेकर संशय पैदा हो गया है।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे इस मौसम में नल का पानी उबालकर पीएं, ताकि स्वास्थ्य संबंधी जोखिम से बचा जा सके। नगर निगम के कार्यकारी अभियंता राकेश मसीह ने बताया कि बारिश के कारण नदी-नालों में मिट्टी और अन्य तत्व घुल जाते हैं, जिससे पानी की टर्बिडिटी बढ़ती है और उसका रंग मटमैला हो जाता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पानी को फिल्टर करने के बाद ही आपूर्ति की जा रही है, इसलिए इसकी गुणवत्ता को लेकर कोई शंका नहीं होनी चाहिए।

हालांकि, स्थानीय लोग जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार और बारिश के मौसम में बेहतर फिल्ट्रेशन की मांग कर रहे हैं। उनकी शिकायत है कि पहली बारिश में ही जलापूर्ति की खामियां सामने आ गई हैं, जिसे समय रहते ठीक करना जरूरी है।