एसईसीएल दीपका परियोजना में 152 काल्पनिक मकानों का मुआवजा निरस्त

कोरबा। दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपका विस्तार परियोजना के तहत ग्राम मलगांव में भूमि अर्जन के दौरान मुआवजे के लिए तैयार की गई सूची में 152 मकानों के काल्पनिक होने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है।

कलेक्टरअजीत वसंत के निर्देश पर कटघोरा के अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) रोहित सिंह, राजस्व अमले और एसईसीएल दीपका के अधिकारियों की संयुक्त जांच में यह मामला सामने आया।जांच के अनुसार, कोयला धारक क्षेत्र (अर्जन एवं विकास) अधिनियम 1957 की धारा 9(1) के तहत 24 नवंबर 2004 को जारी अधिसूचना के आधार पर मलगांव की 63.795 हेक्टेयर जमीन का अर्जन किया गया था। वर्ष 2022-23 में किए गए परिसंपत्ति सर्वेक्षण में 1638 मेजरमेंट बुक तैयार की गई थीं, जिनके आधार पर गणना पत्रक बनाया गया।

हालांकि, मई 2025 में विस्थापन के दौरान यह पाया गया कि 78 मकान मौके पर मौजूद नहीं थे। इसके अतिरिक्त, 2018 से 2022 की गूगल अर्थ तस्वीरों के विश्लेषण से 74 अन्य मकान भी काल्पनिक पाए गए। इस तरह कुल 152 मकान गलत मेजरमेंट के आधार पर मुआवजे की सूची में शामिल किए गए थे।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम कटघोरा ने एसईसीएल दीपका के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर इन 152 काल्पनिक मकानों के मुआवजे को तत्काल निरस्त करने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही,यदि किसी मकान का भुगतान हो चुका है, तो संबंधितों से 15 दिनों के भीतर राशि वसूलने और मुआवजा निरस्तीकरण की प्रक्रिया 3 दिनों में पूरी कर एसडीएम कार्यालय को सूचित करने का आदेश दिया गया है।

यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि मुआवजे की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सत्यापन की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।