ओट्स का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह सुपरफूड अपने हाई फाइबर और हृदय स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। रात भर भिगोए गए ओट्स से लेकर ओट्स चीला तक, इस अनाज को खाने के कई तरीके हैं। यानी नाश्ते के लिए ओट्स एक हेल्दी विकल्प है, लेकिन कुछ लोगों को इसे नहीं खाना चाहिए। चलिए जानते हैं वे लोग कौन हैं?
किन लोगों को नहीं खाना चाहिए ओट्स:
एलर्जी होने पर: ओट्स से एलर्जी बच्चों और वयस्कों दोनों को प्रभावित कर सकती है। ओट्स एलर्जी के लक्षणों में पित्ती, जठरांत्र संबंधी, श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हैं। इसलिए, ओट्स से एलर्जी वाले लोगों को ओट्स के उत्पादों का सेवन करने से बचना चाहिए।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम से पीड़ित: ओट्स में घुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। लेकिन, ओट्स में मौजूद हाई फाइबर इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) वाले लोगों में यह समस्या हो सकती है। इससे पेट में सूजन, गैस और तकलीफ पैदा हो सकती है।
मिनिरल्स की कमी होने पर: ओट्स में फाइटिक एसिड होता है, जो एक एंटीन्यूट्रिएंट है जो कैल्शियम, आयरन और जिंक जैसे आवश्यक मिनिरल्स से जुड़ सकता है, जिससे शरीर में अवशोषण कम हो जाता है। हालांकि यह स्वस्थ लोगों के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन जिन लोगों में मिनिरल्स की कमी है या जो लोग मुख्य रूप से ओट्स खाते हैं, उन्हें कम मात्रा में ओट्स खाना चाहिए।
किडनी की बीमारी से पीड़ित लोग: ओट्स में फॉस्फोरस की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी के लिए हानिकारक हो सकती है, इसलिए किडनी की बीमारी वाले लोगों को ओट्स खाने से बचना चाहिए।
डायबिटीज के मरीज: ओट्स में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं, इसलिए डायबिटीज के मरीजों को डॉक्टर से सलाह लेकर ही ओट्स खाना चाहिए।
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। )
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