छत्तीसगढ़ में शिक्षा क्रांति: मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत

रायपुर।  छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान शुरू किया है। इस व्यापक पहल का उद्देश्य सरकारी स्कूलों को उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षा केंद्रों में परिवर्तित करना है। अभियान के तहत स्कूलों का सामाजिक ऑडिट किया जाएगा, जिसके आधार पर उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता के अनुसार ग्रेडिंग दी जाएगी।

सामाजिक ऑडिट के माध्यम से स्कूलों के प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा, जिसके आधार पर कमजोरियों को दूर करने और शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। कम ग्रेडिंग वाले स्कूलों के शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि उनकी शिक्षण क्षमता में सुधार हो।

इस अभियान में निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी शामिल किया गया है। अब निजी शिक्षकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए एससीईआरटी ने एक समिति गठित की है, जो प्रशिक्षण की कार्ययोजना तैयार करेगी। प्रदेश में एक लाख से अधिक निजी स्कूल शिक्षक और 140 से अधिक अशासकीय शिक्षा महाविद्यालय हैं, जिन्हें इस पहल से लाभ होगा।

अभियान के तहत मॉडल स्कूलों का चयन किया जाएगा, जिनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक पद्धतियों और व्यवस्थाओं को कमजोर स्कूलों के शिक्षकों को प्रदर्शित किया जाएगा। इन शिक्षकों को मॉडल स्कूलों का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि वे वहां की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपने स्कूलों में लागू कर सकें।

शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए नियमित पालक-शिक्षक बैठकें अनिवार्य होंगी, जिससे अभिभावक और शिक्षक मिलकर छात्रों की प्रगति पर चर्चा कर सकें। साथ ही, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कमजोर स्कूलों की निगरानी विभिन्न विभागों के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से की जाएगी।

यह अभियान छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का लक्ष्य है कि इस पहल से न केवल शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो, बल्कि छात्रों का भविष्य भी उज्जवल हो।