कोरबा जिला प्रशासन ने बिना अनुमति कोटवारी भूमि के अवैध विक्रय पर नियंत्रण और ऐसी भूमि को पुनः शासन के रिकॉर्ड में दर्ज करने के लिए सख्त कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के 12 जून 2024 के निर्देशों के तहत, कलेक्टर कोरबा के मार्गदर्शन में 15 प्रकरणों में कुल 4.447 हेक्टेयर कोटवारी भूमि को छत्तीसगढ़ शासन के घास मद में दर्ज किया गया है।
अधीक्षक भू-अभिलेख कोरबा के अनुसार, तहसील दर्री के ग्राम कुमगरी, गांगपुर, और सेमीपाली, तहसील कटघोरा के छुरीकला, नवागांव, और मोहनपुर, तहसील भैंसमा के कुकरीचोली, तथा तहसील पोंड़ी उपरोड़ा के कोठीखर्रा में कोटवारों द्वारा बिना कलेक्टर की अनुमति के विभिन्न व्यक्तियों को भूमि विक्रय की गई थी। इनमें खसरा नंबर 196, 631, 92, 316, 414, 417, 418, 293, 1232/2, 1231/3, 104/2, 123, 2671, 377/1, 376, और 177 शामिल हैं।
उदाहरण के लिए, कुमगरी में कोटवार हरगोविंद दास ने 0.166 और 0.97 हेक्टेयर भूमि कविता देवी को, गांगपुर में बिसाहूदास ने0.306 औरअन्य खसरे की भूमि रामखिलावन और लक्ष्मीनारायण यादव को,तथा कुकरीचोली मेंरामदयाल ने 0.652 हेक्टेयर भूमि विभिन्न व्यक्तियों को बेची थी।
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) से पुनर्विलोकन की अनुमति प्राप्त कर इन सभी प्रकरणों में विधिवत कार्रवाई की गई।
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कोटवारी भूमि के अवैध विक्रय पर नियंत्रण और शासन के रिकॉर्ड को दुरुस्त करने की यह प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी।
Editor – Niraj Jaiswal
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