अवैध कबाड़ कारोबार पर पुलिस की सख्ती नाकाम, मुखबिरी और आपसी खींचतान में फल-फूल रहा गोरखधंधा

कोरबा। जिले के प्रमुख क्षेत्रों में अवैध कबाड़ का कारोबार जोरों पर है। पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बावजूद यह धंधा बेरोकटोक चल रहा है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, बड़े कबाड़ी एक-दूसरे को निपटाने के लिए मुखबिरी कर रहे हैं, जिसके चलते जून महीने में कोरबा के तीन थाना क्षेत्रों और पड़ोसी जिला रायगढ़ में कबाड़ से लदे ट्रक पकड़े गए।

रायगढ़ में पकड़े गए एक मामले में 7 लाख रुपये कीमत का कबाड़ और ट्रक सहित कुल 20 लाख रुपये का माल जब्त किया गया। सूत्रों का कहना है कि राताखार क्षेत्र के एक बड़े कबाड़ी ने कोरबा पुलिस पर भरोसा न होने के कारण रायगढ़ पुलिस को मुखबिरी की, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।

कबाड़ से लदा ट्रक कोरबा के कोतवाली-उरगा और करतला थाना क्षेत्रों की सीमा पार कर रायगढ़ पहुंच गया था। चर्चा है कि कुछ पुलिसकर्मी नहीं चाहते थे कि यह माल कोरबा में पकड़ा जाए, ताकि नजराने का खेल बाधित न हो।

कोरबा के ट्रांसपोर्ट नगर और एल्यूमिनियम नगरी के बड़े कबाड़ियों के बीच आपसी खींचतान बढ़ गई है। दोनों अपने-अपने सिंडिकेट को मजबूत करने में जुटे हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर के एक डिस्पोजल कबाड़ी, जिसके यहां पूर्व में बड़े पैमाने पर छापेमारी हुई थी, को एक सिंडिकेट संरक्षण दे रहा है, जबकि एल्यूमिनियम नगरी का कबाड़ी दूसरा समुह बना रहा है।

कटघोरा, छुरी, दर्री, बांकीमोंगरा, झगरहा, दीपका और मुड़ापार के कबाड़ी भी इनमें से किसी एक के साथ जुड़कर कारोबार चमकाने में लगे हैं।

फर्जी स्क्रैप बिल और कूटरचित जीएसटी बिल के सहारे यह अवैध कारोबार चल रहा है, जिससे न केवल पुलिस बल्कि न्यायालय को भी गुमराह करने की कोशिश हो रही है। शहर और उपनगरीय क्षेत्रों में पुलिस की पहुंच आसान होने के बावजूद तांबा, एल्यूमिनियम, सरकारी खंभे, पाइप और केबल तारों की कटिंग और बिक्री का धंधा बेरोकटोक जारी है। सूत्रों का कहना है कि कुछ मैदानी पुलिसकर्मियों की मिलीभगत और बड़े कबाड़ियों के संरक्षण के कारण यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है।

ग्रामीणों और सूत्रों ने सवाल उठाया कि यदि पुलिस अधीक्षक की सख्ती के बावजूद इतना बड़ा कबाड़ का कारोबार जिले की सीमा पार कर रहा है, तो आखिर खाकी में सेंध कहां लग रही है? यदि जल्द ही इस पर लगाम नहीं लगाई गई, तो कोरबा में अवैध कबाड़ कारोबार और मजबूत हो सकता है।