मानसून से पहले सड़कों पर मवेशियों का कब्जा, हादसों का खतरा बढ़ा

कोरबा शहर में मानसून की दस्तक से पहले ही सड़कों पर आवारा मवेशियों का आतंक बढ़ गया है। लापरवाह मालिकों द्वारा मवेशियों को खुले में छोड़ने के कारण पावर हाउस रोड, सर्वमंगला रोड, बुधवारी, घंटाघर, एमपी नगर और मुड़ापार जैसे मुख्य मार्गों पर मवेशी डेरा डाले हुए हैं। अंधेरे में डूबी सड़कों पर मवेशियों की मौजूदगी से हादसों का खतरा बढ़ गया है, लेकिन नगर पालिका निगम और प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

पिछले एक सप्ताह से शहर के प्रमुख मार्गों पर मवेशी बीच सड़क पर खड़े नजर आ रहे हैं। खासकर मोड़ों के पास उनकी मौजूदगी वाहन चालकों के लिए खतरनाक साबित हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अधिकांश मार्गों पर स्ट्रीट लाइट्स की कमी या खराबी के कारण अंधेरा रहता है, जिससे मवेशियों को देख पाना मुश्किल हो जाता है। इससे टक्कर और हादसों का जोखिम बढ़ गया है।

नगर पालिका निगम के काउ क्रेचर (पशु आश्रय) का कोई अता-पता नहीं है। मवेशी मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं होने से उनकी लापरवाही बढ़ती जा रही है। लोगों ने आरोप लगाया कि निगम की उदासीनता के कारण मवेशी मालिक बेपरवाह होकर अपने पशुओं को सड़कों पर छोड़ रहे हैं।

स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़कों पर मवेशियों की मौजूदगी न केवल यातायात के लिए खतरा है, बल्कि पैदल यात्रियों के लिए भी जोखिम पैदा कर रही है। खासकर रात के समय स्थिति और गंभीर हो जाती है। लोगों ने मांग की है कि निगम और प्रशासन मवेशी मालिकों पर सख्त कार्रवाई करे और काउ क्रेचर को सक्रिय कर आवारा मवेशियों को हटाए।

यह स्थिति शहर की यातायात व्यवस्था और सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन रही है। लोगों ने जिला प्रशासन और नगर पालिका निगम से तत्काल कदम उठाने की अपील की है।

साथ ही, सड़कों पर स्ट्रीट लाइट्स की मरम्मत और नियमित निगरानी की मांग भी उठ रही है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो मानसून के दौरान स्थिति और बिगड़ सकती है।