बीपीएल हितग्राहियों को जून में मिलेगा 3 महीने का चावल, भंडारण की समस्या बनी चुनौती

कोरबा जिले के बीपीएल राशन कार्डधारियों के लिए सरकार ने जून में तीन महीने का चावल एकमुश्त आवंटित करने का निर्णय लिया है। बरसात के मौसम में गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को बार-बार उचित मूल्य की दुकानों के चक्कर न लगाने पड़ें, इसलिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, चना और शक्कर का आवंटन न होने से हितग्राहियों में निराशा भी है।

जिले में 3 लाख 14 हजार 390 बीपीएल राशन कार्डधारी परिवार हैं, जिनमें प्राथमिक, नि:शक्त, अंत्योदय, और निराश्रित श्रेणियां शामिल हैं। खाद्य विभाग और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम ने तीन महीने का चावल वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अभी तक 82 प्रतिशत पीडीएस दुकानों में भंडारण पूरा हो चुका है, लेकिन जुलाई और अगस्त के चावल का भंडारण बाकी है।

भंडारण की कमी से पीडीएस संचालक परेशान

जिले में 553 पीडीएस दुकानें हैं, लेकिन अधिकांश के पास पर्याप्त भंडारण क्षमता नहीं है। कई दुकानों में तीन महीने का चावल एकसाथ रखने की जगह नहीं है, जिससे वितरण में दिक्कतें होने की संभावना है। पीडीएस संचालकों का कहना है कि हितग्राही एकमुश्त राशन की मांग करेंगे, लेकिन भंडारण की कमी के कारण आपूर्ति में परेशानी हो सकती है।

चना और शक्कर का आवंटन नहीं, हितग्राहियों में मायूसी

हितग्राहियों का कहना है कि तीन महीने का चावल एकसाथ मिलना अच्छा कदम है, क्योंकि इससे बरसात में बार-बार दुकान जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हालांकि, चना और शक्कर का आवंटन न होने से निराशा है। रियायती दर पर मिलने वाला चना गरीबों के लिए बड़ी राहत होता है, लेकिन इसका आवंटन अनियमित है। संचालक अक्सर कहते हैं कि चना और शक्कर का स्टॉक नहीं आया, जिसके कारण हितग्राहियों को बार-बार दुकानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

पिछले वर्षों में दो महीने का राशन एकसाथ वितरित किया जाता था, लेकिन इस बार तीन महीने का चावल एकमुश्त देने का निर्णय लिया गया है। यह कदम जहां हितग्राहियों के लिए सुविधाजनक है, वहीं भंडारण की कमी ने खाद्य विभाग के लिए नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।