कोरबा। सड़क दुर्घटना में घायल लोगों को तत्काल और निशुल्क इलाज उपलब्ध कराने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने नगद रहित उपचार स्कीम 2025 की शुरुआत की है। यह योजना 5 मई 2025 से पूरे प्रदेश में लागू हो चुकी है, जिसके तहत कोरबा जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। इस योजना का मकसद दुर्घटना के तुरंत बाद पीड़ितों को उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाना है।
कैशलेस इलाज की सुविधा योजना के तहत कोरबा जिले के पब्लिक सेक्टर और निजी अस्पतालों को सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को प्राथमिकता के साथ इलाज प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। अस्पतालों को कैशलेस व्यवस्था के तहत काम करना होगा, जिसमें मोटर वाहन दुर्घटना पीड़ितों को 1,50,000 रुपये तक की चिकित्सा सुविधा नगद रहित रूप में दी जाएगी। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि पीड़ितों को समय पर इलाज मिले और आर्थिक बाधाओं के कारण उपचार में देरी न हो।
अस्पतालों पर सख्ती, अनुपालन अनिवार्य अंतर विभागीय सड़क सुरक्षा की लीड एजेंसी के अध्यक्ष संजय शर्मा ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को योजना के तहत पात्र पीड़ितों को तुरंत सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
संचालन मार्गदर्शिका के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन को किसी भी प्रकार की बहानेबाजी से बचना होगा। यदि कोई अस्पताल इस व्यवस्था का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सड़क सुरक्षा और जीवन रक्षा पर जोर यह योजना सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकती है। कोरबा जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के मद्देनजर इस पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
स्थानीय लोगों ने इस योजना का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि यह त्वरित चिकित्सा सहायता के माध्यम से कई जिंदगियां बचाएगी। पुलिस और प्रशासन ने भी इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।
Editor – Niraj Jaiswal
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