कोरबा-कटघोरा। चैतुरगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में बाघ द्वारा दो भैंसों का शिकार करने से इलाका दहशत में है।डर के मारे तेन्दूपत्ता का काम प्रभावित हुआ है। वन विभाग ने बाघ की निगरानी के लिए 19 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। वहीं आसपास में मुनादी के साथ लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
चैतुरगढ़ पहाड़ी पर बाघ के पंजों के निशान और कई ग्रामीणों द्वारा इसे देखे जाने की पुष्टि के बाद क्षेत्र में भय व्याप्त है। तेंदूपत्ता संग्रहण, जो ग्रामीणों की आजीविका का प्रमुख साधन है, पर रोक लगने से उनकी रोजी-रोटी पर संकट मंडरा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बाघ की मौजूदगी ने उनके रोजगार को बुरी तरह प्रभावित किया है।
पाली रेंजर संजय लकड़ा ने बताया कि बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।
डिजिटल टेक्नोलॉजी का सहारा इस मामले में लिया जा रहा है। इसके अंतर्गत संभावित क्षेत्र में नजर बनाए रखने के लिए जंगल में 19 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। पंजों के निशान और ग्रामीणों के बयानों से बाघ की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। वन विभाग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और ग्रामीणों से जंगल में न जाने की अपील की है।
Editor – Niraj Jaiswal
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