18 साल की प्रियांशी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, अस्पताल की लापरवाही से 17 घंटे बाद हुआ पोस्टमॉर्टम

कोरबा । कुसमुंडा थाना क्षेत्र के आनंद नगर में रहने वाली 18 वर्षीय प्रियांशी जायसवाल ने सोमवार शाम घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की लापरवाही के चलते पुलिस को मेमो देने में 17 घंटे की देरी हुई, जिससे पोस्टमॉर्टम दूसरे दिन हो सका। इस देरी से मृतका के परिजन और रिश्तेदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, प्रियांशी का अपनी बड़ी बहन के साथ कपड़े पहनने को लेकर विवाद हुआ था। प्रियांशी के पिता रमेश जायसवाल, जो मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करते हैं, ने बताया कि वह काम पर गए थे। घर पर उनकी पत्नी और तीन बेटियां थीं।

प्रियांशी ने अपनी बड़ी बहन के कपड़े पहन लिए थे, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया। मां ने दोनों को समझाने की कोशिश की और डांट-फटकार भी लगाई। इसके बाद प्रियांशी नाराज होकर अपने कमरे में चली गई। काफी देर तक बाहर न आने पर परिवार वालों ने कमरे में जाकर देखा तो वह म्यार में फांसी के फंदे पर लटकी मिली।

रमेश ने बताया कि प्रियांशी आठवीं कक्षा की छात्रा थी और पढ़ाई में होशियार थी, लेकिन उसका गुस्सा भी तेज था। परिवार को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह इतना बड़ा कदम उठा लेगी। आर्थिक रूप से कमजोर इस परिवार का इस घटना के बाद रो-रोकर बुरा हाल है।

जिला अस्पताल चौकी प्रभारी दाऊद कुजुर ने बताया कि प्रियांशी की मौत सोमवार शाम 4:50 बजे हुई थी।

अस्पताल से मेमो मिलने में हुई 17 घंटे की देरी के कारण पंचनामा और पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई मंगलवार को हो सकी। इस तरह की लापरवाही पहले भी सामने आ चुकी है।

पुलिस ने मेमो के आधार पर बयान दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल परिवार को गहरा सदमा दिया है, बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं।