नगरीय निकायों के लिए 103 करोड़ रुपये जारी, महापौर और पार्षद निधि से होगा शहरी विकास

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने राज्य के नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के लिए महापौर निधि, अध्यक्ष निधि और पार्षद निधि के रूप में कुल 103 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के अनुमोदन के बाद यह राशि नगरीय निकायों को आवंटित की गई है। उप मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि इस राशि का सदुपयोग कर शहरी क्षेत्रों में मूलभूत विकास कार्यों को गति दी जाए और योजनाओं का लाभ शीघ्र से शीघ्र जनता तक पहुंचाया जाए।

महापौर और अध्यक्ष निधि के लिए 30.63 करोड़ रुपये

चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नगर निगमों में महापौर निधि और नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में अध्यक्ष निधि की 50 प्रतिशत राशि की पहली किस्त के रूप में कुल 30 करोड़ 63 लाख 75 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इसके तहत:

नगर निगमों के लिए महापौर निधि के रूप में 10 करोड़ 12 लाख 50 हजार रुपये,

नगर पालिकाओं के लिए अध्यक्ष निधि के रूप में 10 करोड़ 50 लाख रुपये,

नगर पंचायतों के लिए अध्यक्ष निधि के रूप में 10 करोड़ 1 लाख 25 हजार रुपये आवंटित किए गए हैं।

पार्षद निधि के लिए 72.33 करोड़ रुपये

नगरीय निकायों में पार्षद निधि की पहली किस्त (50 प्रतिशत) के रूप में कुल 72 करोड़ 33 लाख 75 हजार रुपये जारी किए गए हैं। इस राशि का बंटवारा इस प्रकार है:

नगर निगमों के लिए 21 करोड़ 96 लाख रुपये,

नगर पालिकाओं के लिए 23 करोड़ 37 लाख 75 हजार रुपये,

नगर पंचायतों के लिए 27 करोड़ रुपये।

शहरी विकास को मिलेगी गति

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय निकायों से इस राशि का उपयोग पारदर्शी और प्रभावी ढंग से करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि इस राशि से शहरी क्षेत्रों में सड़क, जलापूर्ति, स्वच्छता, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दी जाए। यह कदम राज्य की शहरी आबादी के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और शहरों को और अधिक सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

नगरीय प्रशासन विभाग की प्रतिबद्धता

नगरीय प्रशासन विभाग ने इस राशि के आवंटन के साथ यह स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार शहरी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग ने नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे इस राशि का उपयोग समयबद्ध और योजनाबद्ध तरीके से करें, ताकि जनता को इसका अधिकतम लाभ मिल सके।