स्कूल परिसर में राखड़ डंपिंग से बच्चों और पर्यावरण को खतरा, प्रशासन की उदासीनता पर सवाल

खरहरकुड़ा, कोरबा। नितेश कुमार मेमोरियल लायंस पब्लिक स्कूल, खरहरकुड़ा के नजदीक प्रतिबंधित क्षेत्र में भारी मात्रा में राखड़ डंप किए जाने से विद्यालय परिसर और आसपास का पर्यावरण संकट में है। राखड़ के धूल कण स्कूल के क्लासरूम तक पहुंच रहे हैं, जिससे शिक्षकों और बच्चों को सांस लेने में तकलीफ सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय के चेयरमैन लायन डॉ. राजकुमार अग्रवाल ने इसकी शिकायत जिला कलेक्टर से की है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण विभाग की निष्क्रियता से समस्या जस की तस बनी हुई है।

नियमों की अनदेखी, राखड़ डंपिंग से खतरा

विद्यालय परिसर के 100 मीटर की परिधि में राखड़ डंपिंग प्रतिबंधित है, इसके बावजूद स्कूल से सटी जमीन पर गड्ढों को राखड़ से भरा जा रहा है। रोजाना दर्जनों भारी वाहन राखड़ लेकर स्कूल के पास से गुजर रहे हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि यह राखड़ पास में बन रही एक राइस मिल के निर्माण के लिए डंप की जा रही है। राइस मिल का निर्माण करने वाला व्यक्ति पर्यावरण नियमों की खुलेआम अवहेलना कर रहा है।

ऑक्सीजोन पर मंडराया खतरा

विद्यालय प्रबंधन ने पर्यावरण संरक्षण के लिए स्कूल परिसर में खेल मैदान के साथ-साथ निजी बंजर भूमि पर ऑक्सीजोन का निर्माण कराया था। इस ऑक्सीजोन का उद्देश्य क्षेत्र में स्वच्छ हवा और बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करना था। लेकिन, राखड़ डंपिंग के कारण अब यह ऑक्सीजोन भी खतरे में है। लायन डॉ. अग्रवाल ने राखड़ परिवहन को तत्काल रोकने की मांग की है।

बच्चों और ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर असर

तेज आंधी-तूफान के कारण राखड़ की धूल आसपास के क्षेत्र में फैल रही है, जिसका असर स्कूल के बच्चों, शिक्षकों और आसपास के ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। शिक्षकों ने बताया कि राखड़ की धूल से पूरा विद्यालय परिसर प्रभावित है। धूल के कण क्लासरूम, बर्तनों और अन्य सामानों पर जम रहे हैं। अभिभावकों ने भी बच्चों को हो रही परेशानियों की शिकायत प्रबंधन से की है। राखड़ डंपिंग और राइस मिल निर्माण से भविष्य में बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को और गंभीर खतरा हो सकता है।

प्रशासन की निष्क्रियता

लायन डॉ. अग्रवाल ने इस मामले की शिकायत जिला कलेक्टर से की थी, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लेकिन, पर्यावरण विभाग इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने में विफल रहा है। क्षेत्रीय पर्यावरण संरक्षण अधिकारी प्रेमेंद्र पांडेय से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया।

मांग: तत्काल कार्रवाई और नियमों का पालन

विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों ने मांग की है कि राखड़ डंपिंग को तत्काल रोका जाए और पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, राइस मिल निर्माण की वैधता की जांच और इसके पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन करने की भी मांग उठ रही है।

इस मामले में प्रशासन की उदासीनता न केवल बच्चों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रही है, बल्कि क्षेत्र के पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी नुकसान पहुंचा रही है।