सुशासन तिहार 2025: छत्तीसगढ़ में 5 मई से शुरू होगा समाधान शिविरों का तीसरा चरण, समाधान शिविर 5 से 21 मई तक, सीएम साय अचानक कहीं भी पहुंचेंगे शिविर में

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सुशासन तिहार 2025 का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण चरण 5 मई से 21 मई तक आयोजित होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय विभिन्न जिलों में आयोजित समाधान शिविरों में अचानक पहुंचकर आवेदनों और शिकायतों की समीक्षा करेंगे। साथ ही, वे प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से जनता से संवाद करेंगे। राज्य शासन से लेकर ग्राम पंचायतों तक इस अभियान की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं।

46 लाख से अधिक आवेदन और शिकायतें दर्ज

सुशासन तिहार के तहत गांव-गांव और शहर-शहर में आम जनता से आवेदन और शिकायतें एकत्र करने का सिलसिला 11 अप्रैल तक चला। अब तक राज्य में 46 लाख से अधिक आवेदन और शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें आवेदनों की संख्या शिकायतों की तुलना में कहीं अधिक है। ये आवेदन ऑनलाइन, शिविरों और शिकायत पेटियों के माध्यम से जमा किए गए हैं।

एक माह में होगा आवेदनों का निराकरण

मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि सभी आवेदनों को सॉफ्टवेयर में दर्ज कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसामान्य की समस्याओं का त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है।” श्री साय ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे शिविरों के सुव्यवस्थित आयोजन और आवेदनों के त्वरित निराकरण को प्राथमिकता दें। निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी राज्य और जिला स्तर पर की जाएगी।

हर जिले में 8 से 15 पंचायतों में समाधान शिविर

सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के बीच समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविर लगाए जाएंगे। इन शिविरों में नागरिकों को उनके आवेदनों की स्थिति से अवगत कराया जाएगा और यथासंभव त्वरित निराकरण किया जाएगा। शेष आवेदनों का समाधान एक माह के भीतर पूरा कर सूचना दी जाएगी।

जनकल्याणकारी योजनाओं पर फोकस और जनप्रतिनिधियों की भागीदारी

शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्री, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव और वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर जनता से संवाद करेंगे। इसके अलावा, औचक निरीक्षण के माध्यम से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और प्रगति का मूल्यांकन भी किया जाएगा।

सुशासन तिहार 2025 के इस चरण से प्रदेश में प्रशासनिक पारदर्शिता और जनता की समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है।