रायगढ़ जिले के जंगलों में एक घायल हाथी विचरण करा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा ड्रोन कैमरे के अलावा हाथी मित्र दल के सहयोग से इस हाथी पर नजर रखते हुए लगातार उसे दवाई खिलाया जा रहा है। यह घायल हाथी का पिछले दिनों कोरबा वनमंडल के करतला क्षेत्र में डाक्टरों के द्वारा उपचार किया गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के धरमजयढ़ वन मंडल के छाल रेंज के अंतर्गत आने वाले बेहरामार बीट के कक्ष क्रमांक 548 में इन दिनों कोरबा वन मंडल की तरफ से आया हुआ एक घायल नर हाथी विचरण कर रहा है। पिछले दिनों कोरबा वन मंडल के करतला क्षेत्र में इलाज के बाद इस घायल हाथी को छोड़ा गया है जिसके बाद से लगातार इस पर निगरानी की जा रही है। मंगलवार की दोपहर भी छाल वन परिक्षेत्र के बेहरमार में घायल हाथी को दवाई खिलाया गया है।
गुड और केला में दी जा रही दवा
पिछले दिनों घायल हाथी का कोरबा में उपचार किया गया था जिसके बाद डाक्टरों के द्वारा घायल हाथी के उसके डोज के हिसाब से सप्ताह भर के लिये दवाई दी गई जिसके तहत जहां-जहां यह हाथी विचरण कर रहा है वन विभाग की टीम के द्वारा हाथी को गुड और केला के अंदर मिलाकर दवाई खिलाया जा रहा है।
पेट के नीचे और पैर में चोट
बताया जा रहा है कि इससे पहले दो दिनों तक महराज गंज में घायल हाथी को दवाई खिलाया गया था। वन विभाग के अधिकारियांे ने बताया कि हाथी के पैर और पेट के नीचे में चोट लगी है। पैर में लगा हुआ चोट स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। वहीं पेट के नीचे का घाव नही दिख रहा है।
घायल हाथी का दायरा हो रहा कम
वन विभाग के कर्मचारी ने यह भी बताया कि यह हाथी अभी शांत स्वभाव का है। हाथी का एक दायर रहता है और इस हाथी का दायरा काफी कम हो चुका है। इस हाथी का दायर अभी 20 मीटर के आसपास है। जबकि पहले 100 मीटर के आसपास था। 20 मीटर के आसपास कोई इंसान जब पहुंचता है तब यह हाथी चिंघाड़ता है या फिर पेड की डाली तोड़कर अपनी उपस्थित का एहसास कराता है। पहले 50 से 100 मीटर में लोगों के पहुंचने पर यह हाथी चिंघाड़ता था।
Editor – Niraj Jaiswal
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