कुसमुंडा में आयोजित 108 कुंडीय महायज्ञ का समापन

गायत्री महायज्ञ से आध्यात्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा

कोरबा। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में कुसमुंडा में आयोजित चार दिवसीय ऐतिहासिक गायत्री महायज्ञ के कार्यक्रम दोपहर दो बजे पूर्णाहुति के साथ पूर्ण हुआ। महा यज्ञ की अनुपम दृश्य अद्भुत एवं निराली थी। उत्साह के साथ आयोजित महायज्ञ सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे गई।

समापन से पूर्व सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक 108 कुंडीय यज्ञ शाला में हजारों श्रद्धालुओं ने दिव्य वातावरण निर्मित करने, सूक्ष्म जगत का शोधन करने तथा नव युग के अवतरण की भावना से श्रद्धापूर्वक आहुतियां प्रदान किए।

इस पावन अवसर पर देवशक्तियों के सूक्ष्म संरक्षण में 30 गर्भवती महिलाओं का पुंसवन संस्कार, 35 शिशुओं का नामकरण संस्कार, 50 शिशुओं का अन्नप्रासन संस्कार, 23 शिशुओं का मुंडन संस्कार, 50 व्यक्तियों का दीक्षा संस्कार, 29 भाई बहनों का जन्म दिवस संस्कार व 18 विवाहित परिजनों का विवाह दिवस संस्कार सम्पन्न हुआ।

इन सभी संस्कारों के पीछे छुपी भावना व प्रेरणाओं से शांतिकुंज हरिद्वार के विशिष्ट प्रतिनिधि परमेश्वर साहू ने अवगत कराया। इससे पूर्व संध्या पर तीसरे दिन के कार्यक्रम में शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे डॉ. चिन्मय पंड्या, प्रतिकुलपति देवसंस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार वे ऊर्जा क्लब में प्रबुद्ध वर्ग की गोष्ठी में विशेष उद्बोधन किया।

कोरबा विधायक, श्रम व उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल की उपस्थिति में सहस्र वेदीय दीप महायज्ञ पूर्ण हुआ।

इस अवसर पर डॉ. चिन्मय पंड्या ने अध्यात्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस चार दिवसीय ऐतिहासिक कार्यक्रम को सफल बनाने में कोरबा जिला के गायत्री परिवार के समस्त कार्यकर्ता भाइयों बहनों, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन का विशेष सहयोग रहा।