कोरबा । जिले में हाथियों की चहलकदमी एक बार फिर बढ़ी हुई है। कटघोरा वनमंडल से लेकर कोरबा वनमंडल के विभिन्न जंगल क्षेत्रों में इनकी आमदरफ्त होने से ग्रामीणों में भय व्याप्त है। विभाग द्वारा हाथियों का लोकेशन पता करने के साथ-साथ संबंधित क्षेत्रवासियों को मुनादी करते हुए अलर्ट किया जा रहा है। अभी कोरबा वन मंडल के कुदमुरा रेंज में 11 हाथियों के दल की मौजूदगी बनी हुई है।
बताया गया कि पड़ोसी जिला रायगढ़ के धरमजयगढ़ क्षेत्र से हाथियों का यह दल शुक्रवार शाम वनपरिक्षेत्र की सीमा पर कोरबा की सीमा में प्रवेश किया और जंगल-जंगल होते हुए कुदमुरा बीट पहुंच गया। यहां जंगल में कुछ देर विश्राम करने के बाद रात को आगे बढ़ा और करतला वनपरिक्षेत्र के कलगामार पहुंच गया। यहां जंगल में रात भर विचरण करता रहा और सुबह होने से पहले वापस कुदमुरा पहुंचकर जंगल में डेरा डाल दिया। समाचार लिखे जाने तक कुदमुरा के बांसबाड़ी में इनकी मौजूदगी है।
इन हाथियों में 4 नर, 5 मादा और 2 बच्चे शामिल हैं। दल में बच्चे मौजूद होने के कारण हाथी और संवेदनशील हो जाते हैं और इनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल रखते हैं। ऐसे में इन हाथियों खासकर बच्चों के पास जाना खतरनाक हो सकता है। हाथियों के मद्देनजर वन अमला सर्तक हो गया है कुदमुरा व आसपास के गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सजग किया जा रहा है।
कटघोरा वनमंडल में लगातार मौजूदगी
दूसरी तरफ कटघोरा वन मंडल के जटगा, पसान, ऐतमानगर व केंदई रेंज में हाथियों की सक्रियता बनी हुई है। जटगा रेंज के मुकुवा जंगल में 10 हाथी एक माह से जमे हैं। केंंदई रेंज के कापा नवापारा में 20 हाथियों की मौजूदगी है। ऐतमानगर रेंज के गुरसिया परिसर में 24 हाथियों की मौजूदगी से खतरा बना हुआ है। बताया जा रहा है कि हाथियों का यह दल बस्ती में घुस गया था और उत्पात मचा कर दहशत फैलाने की कोशिश में लगा था। सूचना मिलने पर वन अमला मौके पर पहुंचा और हाथियों को खदेडऩे की कार्रवाई की। इस दौरान हाथियों ने एक-दो घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा दिया जबकि पसान रेंज के तरईमार व आसपास के गांवों में उत्पात मचाकर दो दंतैल हाथी सेन्हा के रास्ते हरदेवा पहुंच गया है। दंतैल हाथियों ने सेन्हा गांव में एक ग्रामीण के मकान को निशाना बनाते हुए ढहा दिया।
कहीं लौट न आए लोनर हाथी
इधर कटघोरा वनमंडल के भिलाईबाजार, रलिया, खोडरी क्षेत्र में दहशत फैलाने के साथ तीन महिलाओं की जान लेने के बाद किसी तरह खदेड़े गए दंतैल ने सीमावर्ती जांजगीर-चांपा जिले के पंतोरा के छाता जंगल में डेरा डाला है। जंगल के भीतर वह मौजूद है और बाहर से वन अमला निगरानी कर रहा है। दूसरी तरफ दंतैल को पकडऩे और काबू में करने के लिए कुमकी का सहारा लिया जा रहा है लेकिन आज दिन भर के प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली और दंतैल जंगल से बाहर नहीं निकला। इधर प्रभावित हुए क्षेत्र के लोगों में इस बात की दहशत है कि कहीं देर-सबेर दंतैल घूम-फिर कर फिर गांव में न धमक जाए।
Editor – Niraj Jaiswal
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