मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित, जल जमाव बड़ी समस्या बनकर उभरी
कोरबा । कोरबा जिले में रुक-रुक कर हो रही मूसलाधार बारिश ने सामान्य जन-जीवन का खासा प्रभावित किया है। बारिश की वजह से जल जमाव की समस्या इस बार अपेक्षाकृत बड़े स्वरूप में सामने आई है और इससे छोटी-छोटी निचली बस्तियों के साथ-साथ अब बड़ी-बड़ी कालोनियों के लोग भी प्रभावित हो रहे हैं। बारिश के दौरान पानी की निकासी की काफी कमजोर व्यवस्था के कारण कालोनियों में नदी बहने जैसे हालात निर्मित हो रहे हैं और लोगों के घरों में पानी घुस जाना आम बात हो गई है। समय रहते अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं करने का खामियाजा बरसात में भुगतना पड़ रहा है।

गेवरा खदान में पानी की तबाही, दर्जनों गाडिय़ां-मशीन दबे
एशिया की सबसे बड़ी एसईसीएल की गेवरा खदान में ओवरबर्डन की तरफ से बारिश का कहर बरपा है। तेज बहाव के साथ ओबी की मिट्टी के साथ पत्थर का सैलाब बह पड़ा। यहां मिट्टी हटाने के काम में कार्यरत निजी कम्पनी के कैम्प ऑफिस में मानों जलजला-सा आ गया। मिट्टी-पत्थर के मलबे में दबकर अनेक डंपर, लोडर फंस गए हैं। इस दौरान किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है लेकिन सामानों का बहुत बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। बारिश थमने के बाद यहां का नजारा हैरान कर देने वाला नजर आ रहा है।

कुसमुंडा खदान का मुहाना बना तालाब
कुसमुण्डा क्षेत्र शुक्रवार सुबह 5 बजे बरसात के पानी से जलमग्न हो गया। कुसमुण्डा के चारों तरफ की सडक़े पानी से भर गई थी व लोगों का आवागमन काफी देर तक थमा रहा। कुसमुण्डा खदान जाने का भी रास्ता बंद रहा जिससे कर्मचारी पानी का स्तर सामान्य होने तक वर्कशॉप नहीं जा पाए। क्योंकि मेन एंट्री गेट कुसमुण्डा खदान जाने के रास्ते में बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित रही।
टापू में तब्दील रहा दादर का इलाका
गुरूवार-शुक्रवार की मध्य रात हुई बारिश से ग्राम दादर का क्षेत्र टापू में तब्दील नजर आया। रविशंकर शुक्ल नगर से होकर जाने वाले मार्ग पर स्थित दादर नाला में सडक़ व पुलिया से 4 से 5 फीट ऊपर पानी बहता रहा। आसपास के खाली जमीनों, खेतों और कालोनी क्षेत्र में पानी भर गया। कई लोगों ने घरों में पानी घुस जाने के कारण ऊपरी मंजिल या छत पर रात गुजारी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद नगर, पंडित रविशंकर शुक्ल नगर,शिवाजी नगर जैसे बड़े कॉलोनी क्षेत्र में पानी भरा वहीं दूसरी ओर शहर के दादर क्षेत्र का और बुरा हाल देखा गया। पूरा क्षेत्र टापू में तब्दील हो गया।

ढोढ़ातराई में कट गई सडक़, गांवों का संपर्क टूटा
जिले के करतला विकासखंड के अंतर्गत ग्राम पंचायत ढोढ़ातराई में बने पुलिया के साथ वॉल का निर्माण कराया गया था, तेज बारिश के कारण वॉल के बगल से पानी के तेज बहाव से सडक़ कटती चली गई और बड़ा हिस्सा पानी में बह गया। इसके कारण ढोढ़ातराई ग्राम का अन्य ग्राम जामपानी, छातापाठ, लबेद, सुपातराई आदि गांवों से संपर्क टूट गया है।

उप नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में भी हालात बद्तर
शहर के अलावा उपनगरीय क्षेत्रों में भी इस मौसम में समस्या बढ़ी है। कोयलांचल के लोग कोयला के कीचड़ और गड्ढों वाली सडक़ों से परेशान हैं तो निर्माणाधीन कुसमुंडा मार्ग, इधर उरगा से चांपा के बीच निर्माणाधीन नेशनल हाईवे व अन्य सडक़ों के जगह-जगह से आधे-अधूरे रहने के कारण इनमें कीचड़ निर्मित हो गया है। जल जमाव भी व्यापक पैमाने पर है तथा गड्ढों की भरमार है। अनेक ग्रामीण इलाकों में चलने के लिए पक्की सडक़ का अभाव बना हुआ है, जिसके कारण कीचड़ निर्मित सडक़ों पर चलने की मजबूरी है।
टपकने लगे मकान
भारी बारिश की वजह से दुकानों और मकानों में सीपेज के साथ-साथ छतों से पानी टपकने की समस्या भी उत्पन्न होने लगी है। छतों और दीवारों की दरारों से घुसकर पानी टपकने की नौबत आ गई है और अनेक लोग सामानों को बचाने में हलाकान हैं। वर्षों पुराने सरकारी आवासों में रह रहे लोगों के लिए भी इस बरसात में काफी दिक्कतें उत्पन्न हुई हैं। समय रहते आवासों की मरम्मत कराने के प्रति संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिये जाने से दिनों-दिन आवास और भी जर्जर होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में न्यू राजस्व कॉलोनी के मकान भी जर्जर हो गए हैं जिससे सरकारी कर्मचारी काफी परेशान हंै। लगातार पेश आ रही समस्या से परेशान होकर जनसंपर्क कार्यालय में भृत्य मनीष यादव ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर मरम्मत कराने की मांग की है। उसने बताया कि बारिश के कारण छत के प्लास्टर गिर रहे हैं, छत से पानी टपक रहा है, बाथरुम भी धंस गया है।
Editor – Niraj Jaiswal
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