ट्रेडिंग एप क्यूलाफ ने केवाईसी के नाम पर निवेशकों को ठगा

कोरबा: ट्रेडिंग एप क्यूलाफ को लेकर जैसी आशंका थी, ठीक वैसा ही हुआ। अब एप बंद हो गया है। इससे पहले केवाईसी प्रमाणन के लिए एक और मौका देते हुए 30 जून से समय बढ़कर अंतिम तिथि एक जुलाई घोषित की गई थी। उसके बाद जमा राशि की निकासी का झांसा दिया गया था। जिन निवेशकों ने छह हजार रुपये जमा करके केवाईसी कराया था, उनको दो जुलाई को झटका लगा। निकासी का समय सुबह सात से नौ बजे तक पूर्व निर्धारित था। इस अवधि में ना तो निकासी शुरू हुई और ना ही वाट्सएप पर कंपनी का कोई संदेश आया। यह नंबर भी हांगकांग का निकाला है।


पिछले करीब सात माह से क्यूलाफ एप ट्रेडिंग एप में निवेश कराया जा रहा था। इससे जुड़ने के लिए न्यूनतम छह हजार रूपये निर्धारित किया गया था। अधिकतम जितनी भी राशि निवेशक लगा सकता था। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र तक ट्रेडिंग पहुंच गई और महिलाएं, विद्यार्थी व बुजुर्ग भी इसमें निवेश करने लगे।

24 जून को यह घोषणा की गई कि 30 जून से एप में जुड़ने के लिए राशि छह से बढ़ा कर 10 हजार कर दी जाएगी। इसके बाद लोगों में उससे पहले जुड़ने की होड़ लग गई। अचानक 28 जून को लाभांश की निकासी केवाईसी प्रमाणन का हवाला देकर बंद कर दिया गया और पुन: इसके लिए छह- छह हजार जमा करने के लिए कहा गया। प्रतिदिन मिलने वाली लाभांश की राशि रूकने पर हजारों लोगों के रुपये फंस गए।

फंसे पैसे निकालने के चक्कर में कई निवेशकों ने छह- छह हजार रुपये जमा किए। एक जुलाई से निकासी का वायदा किया गया था, पर अचानक एकदिन ओर केवाईसी की तिथि बढ़ा दी गई। दो जुलाई को सुबह निवेशक उस वक्त सकते में आ गए, जब पूर्व निर्धारित समय सुबह सात से नौ बजे निकासी नहीं हुआ।

साथ ही वाट्सअप पर कंपनी की सूचनाएं भी बंद हो गई। आनलाइन देखे जाने पर पता चलता है कि करीब 10 लाख लोगों ने इस एप को डाउनलोड किया है। इस आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि लाभांश की राशि देने के बाद लोगों के करीब 400 करोड़ रुपये इस एप में डूब गए।


क्रिप्टो कैरेंसी से लेनदेन की संभावना

साइबर सेल के तकनीकी जानकारों का कहना है कि जिस वाट्सअप नंबर से सूचना आदान प्रदान की जा रही थी, वह नंबर विदेश का सीरिज था। इस पर प्रथम दृष्टया यह लग रहा कि विदेश से इस एप का संचालन किया जा रहा था। ऐसा लगा रहा है कि लेनदेन क्रिप्टो कैरेंसी से किया जा रहा था। इसके लिए बैंक टू बैंक की जगह, पीयर टू पीयर (पी2पी) का उपयोग किया गया। इस तरह के लेनदेन के लिए अलग अलग साफ्टवेयर कोडिंग की जाती है। डिजीटल कैरेंसी का विड्राल किसी भी एकाउंट में किया जा सकता है।

इस तरह के एप की कोई मान्यता नहीं होती
साइबर सेल के प्रभारी अजय सोनवानी ने बताया कि हमारे पास लिखित तौर पर कोई शिकायत आएगी, तो इसकी जांच करेंगे। हालांकि क्यूलाफ नामक ट्रेडिंग एप में निवेश किए जाने और उसके बंद हो जाने की मौखिक सूचना मिली है। हालांकि इस तरह के एप की कोई मान्यता नहीं रहती। इसे लेकर हमने एक वीडियो तैयार कर गैर मान्यता प्राप्त ट्रेडिंग एप में निवेश नहीं करने के लिए लोगों को जागरूक किया है।

सीतामढ़ी में रहने वाले लोगों के डेढ़ से दो लाख तक फंसे

कोरबा के सीताम़ढी क्षेत्र में रहने वाले कुछ लोगों ने क्यूलाफ में डेढ़ से दो लाख रुपये तक निवेश किया था। एप में निकासी बंद किए जाने से उनकी राशि अब फंस गई है। इसकी शिकायत करने साइबर सेल पहुंचे, पर पीड़ितों का कहना है कि उन्हें उल्टे बिना सोचे समझे कहीं भी निवेश करने की फटकार लगाते हुए अधिकारी ने वापस लौटा दिया। एक तरफ पुलिस कह रही शिकायतकर्ता नहीं मिलते और दूसरी पीड़ितों को वापस लौटा रहे।