सिम्स के कर्मचारियों और डाक्टरों ने पैसा इक्कट्ठा किया अंतिम संस्कार के लिए
बिलासपुर। सक्ती निवासी शनी पाठक पिता हनुमान प्रसाद पाठक 14 साल को सिम्स में बीते 23 जून को भर्ती किया गया था, उसके पेट में दर्द उठ रहा था। जिससे उसकी हालत खराब रही। उस दौरान उसके स्वजन के रूप में मां और बहन साथ में थे। वही 29 जून शनिवार की शाम साढ़े चार बजे शनी की मौत हो गई।
ऐसे में शव स्वजन को सौपने को कहा गया और जैसे उनके स्वजन को मौत की बात बताई गई, वे बिना शव लिए ही भाग गए। इसके बाद रविवार की सुबह वे वापस लौट गए। सिम्स चौकी पुलिस के पास पहुंचकर बताया कि हमारे पास अंतिम संस्कार करने तक के लिए पैसे नहीं है, अंतिम संस्कार नहीं कर सकते है, इसलिए शव छोड़कर जाना चाहते है, ऐसे में बताया गया कि गाड़ी बुला लिया गया है कुछ देर में गाड़ी आएगी, शव को मरच्यूरी से ले जाओ।
इसके बाद वे मरच्यूरी पहुंचे और वहां के स्टाफ को बताया कि गरीब है और अंतिम संस्कार तक के लिए पैसे नहीं है। गांव ले जाने के बाद भी शव का अंतिम संस्कार नहीं कर पाएंगे। तब शवग़ह के कर्मचारियों और डाक्टरों ने पैसा इक्कट्ठा किया और पैसे देकर अंतिम संस्कार के लिए गांव रवाना किया। जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया भी पूरी कराई गई।
Editor – Niraj Jaiswal
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