कोरबा। शनिवार को हुए झमाझम बारिश से सीएसईबी पश्चिम के ग्राम लोतलोता स्थित राखड़ बांध के फूटने की घटना के बाद शनिवार रात एनटीपीसी परियोजना के ग्राम धनरास स्थित राखड़ बांध के भी फूट जाने की घटना में लगभग 40 एकड़ खेत में लगे धान की फसल राखड़ में दबने से चौपट हो गई। इसकी क्षतिपूर्ति को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ क्षेत्र के किसान रविवार को राखड़ बांध में काम रोको आंदोलन पर बैठे रहे।
किसानों का कहना है राखड़ बांध बनने के बाद लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। ग्रामवासियों को राखड़ भरी जिंदगी बितानी पड़ रही है, राखड़ से लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
राखड़ बांध में अतिरिक्त राखडय़ुक्त पानी भरने से बांध को बचाने के लिए प्रबंधन द्वारा बांध को फोडक़र राखड़ को बहाया गया है। इसके पहले सन 2021 में इसी प्रकार राखड़ बांध को फोड़ा गया था जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ था। इस घटना मेें हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि एनटीपीसी द्वारा दिये जाने की बात कही गई थी, परंतु चार साल बीत जाने के बाद क्षतिपूर्ति राशि नहीं दी गई है और दूसरी तरफ राखड़ पानी के सीपेज से खेत दलदल बन जाने से कृषि लायक नहीं रह गए, जिसका मुआवजा आज तक नहीं मिला है।
किसानों ने बताया कि एनटीपीसी प्रबंधन द्वारा समय-समय पर राखड़ बांध की मरम्मत व रख-रखाव नहीं किये जाने से बांध क्षतिग्रस्त हो रहा है। इधर राखड़ बांध फूटने के बाद राजस्व अमला से नायब तहसीलदार जानकी काटले, हल्का पटवारी बाबूलाल कोरवा और जितेन्द्र कुमार क्षतिग्रस्त बांध स्थल पहुंच कर नुकसान हुए खेतों का जायजा लिए। राखड़ बांध फूटने के बाद एनटीपीसी का एक भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा और न ही मौजूद रहा।
Editor – Niraj Jaiswal
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