सड़क निर्माण में छत्‍तीसगढ़ की इन कंपनियों ने की थी गुणवत्ताहीन उत्पादों की सप्लाई, NHAI ने थमाया नोटिस

रायपुर। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने छत्तीसगढ़ की चार स्टील कंपनियों को नोटिस थमाया है। वजह यह है कि सड़क निर्माण के अलग-अलग प्रोजेक्ट में इन कंपनियों ने गुणवत्ताहीन उत्पादों की सप्लाई की है।

एनएचएआइ ने जब एक्रीडिटेशन बोर्ड फार टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) लैब से स्टील उत्पादों की टेस्टिंग कराई तो उत्पाद टेस्ट में खरे नहीं उतरे। इस रिपोर्ट के आधार पर एनएचएआइ ने कंपनियों को नोटिस जारी किया है। देशभर में ऐसी 11 कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए 15 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।

नोटिस में प्राधिकरण ने साफ लिखा है कि गुणवत्ताहीन उत्पाद सप्लाई करने पर क्‍यों न आपके फर्म की सप्लाई के अनुबंध को समाप्त कर दिया जाए। अन्य कंपनियों में आंध्रप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल की कंपनियां शामिल हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर एनएचएआइ द्वारा जारी टेंडर में इन कंपनियों ने हिस्सा लिया था, जिसके बाद उन्हें वर्क आर्डर जारी किया गया था। कंपनियों को एनएचएआइ के नईदिल्ली स्थित मुख्यालय से 19 जून को नोटिस जारी किया गया है।

यह कार्य मिला है
छत्तीसगढ़ की कंपनियों को महाराष्ट्र में सिक्स लेन रोड एनएच-53 के काम में टीएमटी सप्लाई का कार्य मिला है। यहां कंपनी को वेनगंगा ब्रिज व भंडारा बाइपास में स्टील उत्पादों के लिए अनुबंध हुआ है। एक अन्य कंपनी को मध्यप्रदेश के भोपाल-सागर के बीच एनएच-146 में टीएमटी सप्लाई करने के लिए, वहीं तमिलनाडु के एनएच-45 के निर्माण के लिए टीएमटी बार सप्लाई व रायगढ़ की एक कंपनी को कर्नाटक में एनएच-169 के तहत भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए टीएमटी सप्लाई का कार्य मिला था।


गुणवत्ता सुधारने के बाद ही मिलेगा काम
एनएचएआइ के अधिकारियों के मुताबिक नोटिस के बाद कंपनी को अपना पक्ष प्रस्तुत करना होगा। इस पर एनएचएआइ निर्णय देगा। दोबारा गुणवत्ता की जांच करने फिर से एनएबीएल लैब में स्टील उत्पादों का परीक्षण होगा। इस परीक्षण में सफल होने के बाद ही कंपनियों को अनुबंध के आधार पर काम मिल पाएगा। दूसरे टेस्ट के पहले कंपनियों को स्टील उत्पादों की गुणवत्ता सुधारना ही होगा।

रायपुर क्षेत्रीय कार्यालय एनएचएआइ प्रोजेक्ट मैनेजेर सुब्रत नाग ने कहा, नोटिस नईदिल्ली मुख्यालय से जारी हुआ है। नोटिस के मुताबिक 15 दिन के भीतर कंपनियों को जवाब प्रस्तुत करना है।