नारायणपुर : नक्सलवाद की अंधकारमय दुनिया में अबूझमाड़ का 17 वर्षीय सबीर वड्डे उम्मीदों की किरण बनकर उभरा है। जिस गांव में सड़क तक नहीं है, वहां का छात्र अब जापान के लिए उड़ान भरेगा। सबीर नारायणपुर जिले के घोर नक्सल प्रभावित पंचायत घमांडी के आश्रित गांव हिकोनार का रहने वाला है। माड़िया जनजाति के इस छात्र ने शिक्षा की राह पकड़ी है। अब वह रोबोटिक तकनीक की जानकारी के लिए जापान में साइंस सेंटर्स और वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण करेगा।
साकुरा विज्ञान कार्यक्रम
जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की ओर से 16 से 22 जून तक साकुरा विज्ञान कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें हिस्सा लेने के लिए देश से 31 सदस्यीय दल रवाना हो रहा है। सबीर वड्डे की तरह ही सरगुजा जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय लखनपुर की मेधावी छात्रा सवित्री सिंह व कोरिया जिले की छात्रा प्रगति सिंह भी कार्यशाला में सम्मिलित होने जापान की उड़ान भर चुकी हैं।
राज्य स्तर से बच्चों का चयन
नारायणपुर के कलेक्टर विपीन मांझी ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के राज्य कार्यालय से आवासीय विद्यालयों के 10वीं बोर्ड में मिले नंबर के आधार पर मेरिट सूची मांगी थी, जिसके आधार पर राज्य स्तर से बच्चों का चयन हुआ है। जापान में आयोजित विज्ञान कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले विद्यार्थी उत्साहित हैं। वे ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के लोग भी काफी खुश हैं।
शिक्षा ने बदली जीवन की दिशा
सबीर बताते हैं कि उसका गांव हिकोनार नारायणपुर से 75 किमी की दूरी पर है। नक्सलियों के प्रभाव के कारण गांव तक सड़क नहीं बन पाई है। नारायणपुर में संचालित रामकृष्ण मिशन के माध्यम से 2016 में उस क्षेत्र के 40 बच्चों को पहली बार स्कूल पहुंचाया गया था, जिनमें वह भी था। परिवार के पांच भाई-बहन में वह अकेला है, जो स्कूल पहुंच सका है।
उसने बताया कि उसके गांव के लोग कभी रायपुर नहीं गए और हवाई जहाज भी नहीं देखा है। शिक्षा ने उसकी जीवन की दिशा बदल दी और अब वह पहली बार विमान से यात्रा कर विदेश जा रहा है। अपनी पहली विमान यात्रा के लिए वह उत्सुक है। उसने बताया कि नारायणपुर में रहते हुए वह अब नीट परीक्षा की तैयारी भी कर रहा है। वह आगे चिकित्सक बनकर क्षेत्र की सेवा करना चाहता है।
पढ़ाई के साथ खेल में भी अव्वल सावित्री
जीवन में विपरीत परस्थितियां आती है, पर चैंपियन वहीं होते हैं जो इन परिस्थतियों को हराना जानते हैं। जापान में आयोजित साकुरा विज्ञान कार्यक्रम में भाग लेने जा रही कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय रजपुरीकला लखनपुर की छात्रा सावित्री सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
उसने बताया कि पिता का साया बचपन में ही उठ गया था, पर मां वर्षा सिंह ने खेती-किसानी कर तीनों बहनों का पालन-पोषण किया। वह जीव विज्ञान के साथ अतिरिक्त विषय गणित की भी पढ़ाई कर ही है। पढ़ाई में अव्वल होने के साथ ही वह तीरंदाजी की राज्य स्तरीय खिलाड़ी भी है। इस वर्ष क्रासबो शूटिंग राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर रजत पदक अपने नाम किया था। वह अपनी पहली हवाई यात्रा को लेकर उत्साहित है।
किसान की बेटी सीखेगी रोबोटिक्स की तकनीक
कोरिया जिले के कृषक परिवार की प्रगति सिंह अब जापान जाकर रोबोटिक्स विज्ञान की तकनीक सीखेगी। पोड़ीबचरा के किसान चंद्रप्रताप सिंह की बेटी प्रगति आरंभ से ही मेधावी छात्रा रही है। जापान तक की हवाई यात्रा को लेकर वह उत्साहित है। प्रगति ने बताया कि जापान में विज्ञान को लेकर मिलने वाली जानकारी को बारीकी से सीखकर वह सहपाठियों के साथ साझा करेगी। कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने प्रगति को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देकर स्मृति चिन्ह भेंट किया। कलेक्टर ने आवश्यक सामग्री युक्त किट भी छात्रा प्रगति को उनके माता-पिता की उपस्थिति में दिया, ताकि यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की कमी महसूस न हो।
Editor – Niraj Jaiswal
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