रायपुर। पीएससी-2021 की परीक्षा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ का पत्र व्यवहार शुरू हो चुका है। सीबीआइ ने इस मामले में गृह विभाग से पत्राचार किया है, ताकि जांच आगे बढ़ाई जा सके। सीबीआइ ने गृह विभाग के माध्यम से कई बिंदुओं पर संबंधित एजेंसियों से जानकारी मांगी है।
इधर पीएससी घोटाले में सीबीआइ जांच को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच सियासत भी गर्म हो चुकी है। गृह विभाग में पदस्थ सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों से जानकारियां मंगाई गई है। इसके बाद मामला दर्ज किया जाएगा।
पीएससी-2021 घोटाले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी व सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत कई संदिग्धों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मामला दर्ज किया है। इस मामले में पूर्ववर्ती सरकार के कई राजनेताओं व आला अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
सीबीआइ को जांच सौंपने के बाद भाजपा ने सीबीआइ व राज्य सरकार से मांग की है कि संदिग्धों के पासपोर्ट रद्द किए जाए,क्योंकि आशंका है कि वे जांच शुरू होते ही विदेश भाग सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना के मुताबिक दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना के सदस्यों की शक्तियों व अधिकार क्षेत्र में विस्तार किया गया है।
विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएससी घोटाले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गारंटी दी। भाजपा ने इसे अपने घोषणा-पत्र में शामिल किया। विधानसभा के साथ लोकसभा में भी यह मुद्दा गूंजा। 25 अप्रैल को केंद्र सरकार ने मामला सीबीआइ को सौंपने के लिए विधिवत अधिसूचना जारी की थी।
Editor – Niraj Jaiswal
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