टीपी नगर में गुणवत्ताहीन निर्माण का खुलासा, 5 दिन में टूटा नाली का स्लैब

कोरबा।सरकारी निर्माण कार्यों में गुणवत्ताहीन सामग्री के उपयोग और ठेकेदारों की लापरवाही का एक और नमूना कोरबा के टीपी नगर क्षेत्र में सामने आया है। यहां आईसीआईसीआई बैंक के सामने निगम द्वारा कराए गए नाली के स्लैब निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग उजागर हुआ, जब महज पांच दिन बाद एक स्लैब भरभराकर टूट गया।

पांच दिन में टूटा स्लैब, सीमेंट की कमी उजागर

टीपी नगर के एक जागरूक युवक ने वीडियो भेजकर बताया कि 5-6 दिन पहले निगम द्वारा नाली के ऊपर स्लैब डालने का कार्य किया गया था। लेकिन पांचवें दिन ही एक स्लैब टूट गया, जिससे स्थानीय लोग हैरान रह गए। टूटे स्लैब का टुकड़ा उठाकर जांच करने पर पता चला कि इसमें सीमेंट की मात्रा न के बराबर थी, जिसके कारण यह कमजोर होकर टूट गया। बाकी स्लैब सही होने के बावजूद इस घटना ने निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सड़कों में भी यही हाल

यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कोरबा में कई क्षेत्रों में स्लैब टूटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। सड़क निर्माण में भी ऐसी ही लापरवाही देखने को मिलती है। एक ही मापदंड और सामग्री से बनी सड़कें कहीं तो ठीक रहती हैं, लेकिन कुछ हिस्सों में गड्ढों में तब्दील हो जाती हैं या उखड़ जाती हैं। यह स्पष्ट करता है कि ठेकेदार सामग्री और लागत बचाने के लिए बीच-बीच में घटिया निर्माण करते हैं, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है और सरकारी धन की बर्बादी होती है।

भ्रष्टाचार का खेल?

स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ ठेकेदार और संबंधित अधिकारी जानबूझकर गुणवत्ताहीन निर्माण को बढ़ावा देते हैं, ताकि जल्द टूटने पर नए काम का ठेका फिर से मिल सके। एक स्थानीय निवासी ने तंज कसते हुए कहा, “जल्द टूटेगा, तो नया काम मिलेगा। हम भी खुश, साहब भी खुश।” यह स्थिति न केवल सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है, बल्कि आम जनता के लिए असुविधा और असुरक्षा का कारण भी बन रही है।

सुधार की मांग

इस घटना ने एक बार फिर निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जरूरत को रेखांकित किया है। नागरिकों ने मांग की है कि निगम और संबंधित विभाग ठेकेदारों पर सख्त निगरानी रखें, सामग्री की जांच करें और गुणवत्ताहीन कार्य करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। अब देखना यह है कि इस मामले में प्रशासन कितनी गंभीरता से कदम उठाता है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।