44 गांवों के 2636 ग्रामीणों को मिलेगा प्रॉपर्टी कार्ड, पीढ़ियों पुरानी जमीन का बनेगा मालिकाना हक

कोरबा जिले में जिला प्रशासन ने बिना दस्तावेज पीढ़ियों से गांव की जमीन पर बसे 44 गांवों के 2636 लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए पात्र ग्रामीणों की अंतिम सूची का प्रकाशन कोरबा कलेक्टर के अनुमोदन के बाद कर दिया गया है। जल्द ही राजस्व विभाग की ओर से इन लोगों को प्रॉपर्टी कार्ड जारी किए जाएंगे।

भैसमा तहसील को सबसे ज्यादा लाभ

प्रकाशित सूची में 44 गांवों के 2636 लोगों के नाम शामिल हैं, जिसमें भैसमा तहसील के 40 गांवों के 2057 लोगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। अन्य तहसीलों में दीपका के गांव अखरापाली, मुढाली, भलपहरी, रंगबेल, मौहाडीह, कटसीरा, जपेली, घनाडबरी, सरइसिंगार, कन्हैयाभांठा, बतारी और दर्री तहसील के गांव धनरास व छुरीखुर्द शामिल हैं। भैसमा तहसील के लाभान्वित गांवों में चाकामार, कल्दामार, मदनपुर, तौलीपाली, बताती, हाथीमुड, श्यांग, अमलडीहा, पसरखेत, बलसेंधा, गुरमा, बरपाली, कटकोना, बासीन, गिद्धकुंवारी, कुदमुरा, फुलसरी, जिल्गा, सोलवां, लबेद, चिर्रा, सिमकेंदा, छिरहुट, बगबुड़ा, बेंदकोना, करमंदी, कुकरीचोली, चितापाली, भैसमा, कोल्गा, चचिया, गेरांव, कोरकोमा, रजगामार, केराकछार, सकदुकला, बुंदेली, ठाकुरखेता, भेलवाटार और मसान शामिल हैं।

केन्द्र सरकार की योजना से राहत

कोरबा, जो छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में गिना जाता है, में 792 गांव हैं। इनमें हजारों लोग पीढ़ियों से जमीन पर बसे हैं, लेकिन उनके पास कोई राजस्व रिकॉर्ड नहीं था। इस समस्या के समाधान के लिए केन्द्र सरकार ने 2020-21 में शुरू की गई योजना के तहत जिला प्रशासन ने सर्वे के बाद पात्र लोगों को भू-स्वामी मान लिया है। अब इन ग्रामीणों को उनकी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा।

भूइयां सॉफ्टवेयर में होगी जानकारी

राजस्व विभाग की भू-अभिलेख शाखा के अनुसार, प्रॉपर्टी कार्ड से संबंधित जानकारी छत्तीसगढ़ सरकार के भूइयां सॉफ्टवेयर में अपलोड की जाएगी। इसमें भू-स्वामी का नाम, पता और जमीन का रकबा स्पष्ट होगा। प्रॉपर्टी कार्ड मिलने के बाद ग्रामीण उस जमीन के कानूनी मालिक बन जाएंगे। वे जरूरत पड़ने पर इस जमीन को बैंक में गिरवी रखकर कर्ज ले सकेंगे या इसे किसी अन्य व्यक्ति को बेच सकेंगे।

ग्रामीणों के लिए मील का पत्थर

जिला प्रशासन की इस पहल से ग्रामीणों को उनकी पुश्तैनी जमीन का मालिकाना हक मिलेगा, जो उनके लिए आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा का आधार बनेगा। कलेक्टर कार्यालय के भू-अभिलेख शाखा ने पुष्टि की है कि प्रॉपर्टी कार्ड जारी करने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी।