स्कूल वाहनों की खराब हालत से पालकों में चिंता, बच्चों की सुरक्षा पर सवाल

कोरबा। कोरबा-कटघोरा क्षेत्र में डीपीएस जमनीपाली और केंद्रीय विद्यालय गोपालपुर में पढ़ने वाले बच्चों को लाने-ले जाने वाले निजी वाहनों की जर्जर स्थिति ने पालकों की चिंता बढ़ा दी है। कटघोरा से लगभग 300 से 400 बच्चे इन स्कूलों में पढ़ने जाते हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा स्वयं के वाहन संचालित न करने के कारण पुराने और खराब हालत वाले निजी वाहनों का उपयोग हो रहा है।

पालकों का कहना है कि 15-20 साल पुरानी गामा, क्रूजर और बोलेरो जैसी गाड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है, जिनके पास न तो स्कूल परमिट है और न ही फिटनेस सर्टिफिकेट। इन वाहनों में नियमित मेंटेनेंस की कमी साफ दिखती है। पालकों ने बताया कि इन वाहनों में अक्सर खराबी देखने को मिलती है, जिससे बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है। विशेष रूप से, 8 सीटर जीप में 25 बच्चों को ठूंस-ठूंस कर ले जाया जाता है, जो नियमों का खुला उल्लंघन है। इसके बावजूद, प्रति छात्र मोटा परिवहन शुल्क वसूला जा रहा है।

पालकों ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस पर भी सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि यातायात पुलिस इन वाहनों को रोकती तो है, लेकिन लेन-देन के बाद छोड़ दिया जाता है। वाहनों के टायर, चक्के, परमिट और फिटनेस की नियमित जांच नहीं होने से निजी वाहन संचालक नियमों की अनदेखी कर रहे हैं।

पालकों ने मांग की है कि परिवहन और यातायात विभाग इन वाहनों की कड़ाई से जांच करे और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए।

वे चाहते हैं कि जर्जर वाहनों की जगह अच्छी स्थिति वाले वाहनों का उपयोग हो, ताकि बच्चों की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित की जा सके।