हाथियों का कहर: मक्का-केले की फसलें तबाह, ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग नाकाम

कोरबा। कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में हाथियों का उत्पात लगातार जारी है। मरवाही वन परिक्षेत्र से अचानक धमके दो दंतैल हाथियों ने रेज के ग्राम बरदापखना में भारी कहर ढाया। हाथी उत्पात की समस्या जिले के दोनों वनमंडल में बनी हुई है। नियंत्रण के लिए दावे जरूर हो रहे हैं लेकिन परिणाम क्या है, इससे हर कोई वाकिफ है।

हमारे सूत्रों ने बताया कि दंतैल हाथियों ने गजराज सिंह एवं सिकंदर नामक दो ग्रामीणों के घरों को ढहा दिया, वहीं एक अन्य की बाड़ी में प्रवेश कर वहां लगे मक्का तथा केले के पौधों को तहस-नहस कर दिया, जिससे संबंधितों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।

हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा करते रहे। सुबह होने पर वन विभाग को सूचित किया, जिस पर वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौके पर पहुंचकर रात में हाथियों द्वारा किए गए नुकसानी के आंकलन में जुट गए हैं।

वन अधिकारियों के मुताबिक आसपास के ग्रामों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को सतर्क करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इससे पहले भी इन दंतैल हाथियों ने यहां पहुंचकर काफी उत्पात मचाया था जिससे क्षेत्रवासियों में दहशत का माहौल था। ग्राम वाले हाथियों के उत्पात से बेहद परेशान हैं और डर के मारे खेतों में जाना भी बंद कर दिया है जिससे खेती का काम पिछड़ रहा है।

कटघोरा वनमंडल के केंदई, पसान, एतमानगर और जटगा रेंज में 80 की संख्या में हाथी घूम रहे हैं। हाथियों ने क्षेत्र को अपना बसेरा बना लिया है।

इधर कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में मौजूद 22 हाथियों का दल विगत रात्रि ग्राम कल्गामार से कुदमुरा का रूख कर लिया है।

हाथियों को यहां के जंगल के कक्ष क्रमांक 1140 में देखा गया और इसकी सूचना वन विभाग को दी गई जिस पर वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौके पर पहुंचकर हाथियों की निगरानी में जुट गए हैं।