जेल ब्रेक के बाद बाल संप्रेषण गृह में वायरल वीडियो, किशोर ने “जेल में ऐश” का वीडियो किया पोस्ट

कोरबा। कोरबा जिला जेल से चार कैदियों के फरार होने की सनसनीखेज घटना के 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि अब बाल संप्रेषण गृह से एक नाबालिग आरोपी का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में किशोर टीवी पर फिल्मी गाना देखते हुए नजर आ रहा है, जिसे उसने “कोरबा जेल में ऐश” कैप्शन के साथ पोस्ट किया। इस घटना ने बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वायरल वीडियो में एक नाबालिग, जो कथित तौर पर आदतन अपराधी है, कुर्सी पर बैठकर दीवार पर लगे टीवी पर फिल्मी गाना देख रहा है। हैरानी की बात यह है कि किशोर ने यह वीडियो स्वयं रिकॉर्ड कर “कोरबा जेल में ऐश” कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड किया। इस वीडियो ने संप्रेषण गृह की लचर सुरक्षा व्यवस्था को उजागर कर दिया, जहां नाबालिग के पास मोबाइल फोन और टीवी तक पहुंच संभव हो सकी।

वीडियो के सामने आने के बाद बाल संप्रेषण गृह प्रबंधन में हड़कंप मच गया। सवाल उठ रहे हैं कि नाबालिग के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा और संप्रेषण गृह में टीवी पर फिल्मी गाने कैसे चल रहे थे। जानकारी के अनुसार, इस किशोर के खिलाफ पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, और उसे आदतन अपराधी माना जाता है। यह घटना कोरबा जिला जेल से चार कैदियों के फरार होने की घटना के ठीक बाद सामने आई है, जिसने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर और सवाल उठाए हैं।

कोरबा के बाल संप्रेषण गृह से पहले भी किशोरों के भागने और अनुशासनहीनता के मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, हर बार जांच के नाम पर मामला दबा दिया जाता है, और कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। इस बार वायरल वीडियो ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोली, बल्कि प्रबंधन की जवाबदेही पर भी सवाल उठाए हैं।

बाल संप्रेषण गृह के अधिकारियों ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या इस तरह की लापरवाही से नाबालिगों का सुधार संभव है, और क्या संप्रेषण गृह वास्तव में सुधार गृह की भूमिका निभा पा रहा है।

यह वायरल वीडियो कोरबा के जेल और संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर खामियों को उजागर करता है। जिला जेल ब्रेक के बाद अब यह घटना प्रशासन के लिए एक और चुनौती बन गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े नियम, नियमित निगरानी, और जवाबदेही तय करने की आवश्यकता है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।