पीएमजीएसवाई की पुलिया बारिश में बही, आवागमन ठप, ग्रामीणों में नाराजगी

कोरबा । जिले के कोरबी-चोटिया क्षेत्र में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बनी एक पुलिया भारी बारिश की मार नहीं झेल सकी और बह गई। इस घटना ने न केवल आवागमन को पूरी तरह ठप कर दिया, बल्कि कई गांवों को प्रभावित किया है। ग्रामीणों ने घटिया निर्माण और ठेकेदार की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई है।

पुलिया का साइड वॉल और सड़क को नुकसान

जिले से लगभग 100 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सरमा से पनगवां को जोड़ने वाली पीएमजीएसवाई सड़क पर बनी यह पुलिया 25 जुलाई की सुबह भारी बारिश में ढह गई। नाले में पानी का तेज बहाव इतना बढ़ गया कि पुलिया और सड़क का एक हिस्सा बह गया। पुलिया का साइड वॉल पूरी तरह नष्ट हो गया, और नींव में दरारें आ गईं। सड़क भी धीरे-धीरे बहने की कगार पर है। इस मुख्य मार्ग के क्षतिग्रस्त होने से आसपास के कई गांवों का संपर्क प्रभावित हुआ है।

स्थानीय नेतृत्व की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलते ही सरमा पंचायत के हल्का पटवारी उपेंद्र शुक्ला, सरपंच शिवकुमार उईके, पंच जितेंद्र भारद्वाज, और पनगवां सरपंच धरम पाल सिंह मरकाम मौके पर पहुंचे। पनगवां के सरपंच धरम पाल सिंह मरकाम ने बताया कि पुलिया का निर्माण बेहद कमजोर था। उन्होंने कहा, “दो नालों का पानी एक साथ तेज बहाव के साथ बहता है, लेकिन विभाग ने केवल एक छोटा रपटा बनाकर खानापूर्ति की। अब पुलिया की नींव में दरारें हैं, और साइड वॉल बह गया है। ठेकेदार को टिकाऊ निर्माण करना चाहिए था।”

ग्रामीणों के लिए मुश्किलें

पुलिया के जर्जर होने के कारण आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। सरपंच धरम पाल सिंह मरकाम ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस मार्ग का उपयोग न करें, क्योंकि रपटा कभी भी पूरी तरह बह सकता है। रात में दुर्घटना से बचने के लिए कोटवार को मुनादी करने और मार्ग बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। पनगवां के ग्रामीणों को अब कोरबी रविवारीय साप्ताहिक बाजार या अन्य स्थानों पर पहुंचने के लिए जलके पंचायत होकर 15 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।

भविष्य की कार्रवाई

सरपंच शिवकुमार उईके, धरम पाल सिंह मरकाम और पंच जितेंद्र भारद्वाज ने बताया कि बारिश समाप्त होने के बाद पंचायत द्वारा पीएमजीएसवाई विभाग को पुलिया के पुनर्निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। साथ ही, विभाग को अल्टीमेटम के साथ ज्ञापन सौंपा जाएगा ताकि टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित हो।

यह घटना पीएमजीएसवाई जैसी महत्वपूर्ण योजना के तहत निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी को उजागर करती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि ठेकेदार और संबंधित विभाग पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। प्रशासन से अपेक्षा है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले और प्रभावित गांवों के लिए जल्द से जल्द समाधान निकाले।