डिजिटल इंडिया के दौर में सरमा के ग्रामीण पेड़ों पर चढ़कर ढूंढते हैं नेटवर्क, मोबाइल टावर की मांग

कोरबा। कोरबी-चोटिया: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पंचायत सरमा सहित कई ग्रामीण अंचलों में संचार सुविधा का अभाव आज भी लोगों को डिजिटल युग से कोसों दूर रख रहा है। मोबाइल नेटवर्क की कमी के कारण ग्रामीणों को फोन पर बात करने या डिजिटल सेवाओं का उपयोग करने के लिए पेड़ों पर चढ़ना पड़ता है या एक किलोमीटर दूर नेटवर्क की तलाश में भटकना पड़ता है।

नेटवर्क की कमी से परेशानी

ग्राम पंचायत सरमा के लगभग एक हजार से अधिक निवासी मोबाइल टावर की अनुपस्थिति के कारण संचार सुविधा से वंचित हैं। ग्राम सुखरीताल, नवापारा और आसपास के गांव भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। स्थानीय निवासी जितेंद्र भारद्वाज ने बताया कि डिजिटल इंडिया के दावों के बावजूद इन गांवों में नेटवर्क की कमी के कारण ऑनलाइन शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी, डिजिटल लेन-देन और आपातकालीन सेवाओं तक पहुंच में भारी दिक्कत हो रही है।

ग्रामीणों की मांग और प्रयास

सरपंच शिवकुमार उईके सहित ग्रामीणों ने बताया कि मोबाइल टावर स्थापित करने की मांग को लेकर कई बार शासन-प्रशासन, मंत्रालय और जन समस्या निवारण शिविरों में आवेदन दिए गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि छत्तीसगढ़ शासन की नियद नेल्लनार योजना और केंद्र सरकार की यूएसओएफ योजना के तहत नेटवर्क सुविधा बहाल होने से न केवल परिवार और मित्रों से जुड़ना आसान होगा, बल्कि सुरक्षा, प्रशासनिक संपर्क और डिजिटल लेन-देन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकेंगी।

डिजिटल क्रांति से वंचित आदिवासी अंचल

नेटवर्क के अभाव में इन आदिवासी अंचलों में डिजिटल क्रांति का प्रभाव न के बराबर है। युवाओं को ऑनलाइन शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि मोबाइल टावर की स्थापना से क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा सकता है।

प्रशासन से उम्मीद

ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि सरमा और आसपास के गांवों में शीघ्र मोबाइल टावर स्थापित कर संचार सुविधा उपलब्ध कराई जाए। यह पहल न केवल डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करेगी, बल्कि आदिवासी अंचलों के समग्र विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।