हसदेव बांगो बांध में 75% जल भराव, खरीफ फसल और उद्योगों को मिलेगा लाभ

कोरबा। छत्तीसगढ़ की प्रमुख जल परियोजना हसदेव बांगो बांध में इस साल बारिश के कारण 75 फीसदी जल भराव हो चुका है। बांध का जलस्तर वर्तमान में 355.15 मीटर तक पहुंच गया है, जबकि इसकी कुल क्षमता 473 मीटर है। कार्यपालन अभियंता अरविंद नीखरा ने बताया कि सावन और भादो महीने में होने वाली बारिश से बांध में और पानी की उपलब्धता की उम्मीद है।

गर्मियों में थी जलस्तर की चिंता

इस वर्ष गर्मी के मौसम में रवि फसल के लिए बांध से काफी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिसके कारण जलस्तर घटकर मात्र 26 फीसदी रह गया था। इस स्थिति ने कई स्तरों पर चिंता बढ़ा दी थी। हालांकि, 2025 की बारिश ने बांध की 75 फीसदी क्षमता को फिर से भर दिया, जिससे खरीफ फसल और उद्योगों की जल आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी।

नहरों से खरीफ फसल को मिलेगा पानी

हसदेव बांगो बांध परियोजना कोरबा, जांजगीर-चांपा, शक्ति और रायगढ़ जिलों की खेती, नागरिक आवश्यकताओं और उद्योगों के लिए जल आपूर्ति का प्रमुख स्रोत है। श्री नीखरा ने बताया कि खरीफ सीजन के लिए आवश्यकता के आधार पर कुछ क्षेत्रों में नहरों के माध्यम से पानी छोड़ा जाएगा।

पहाड़ी क्षेत्रों पर निर्भरता

यह परियोजना कोरिया और महेंद्रगढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली बारिश पर निर्भर है। लगभग 100 किलोमीटर की दूरी तय कर पानी हसदेव नदी के माध्यम से बांध तक पहुंचता है। यह परियोजना मध्य प्रदेश सरकार और वर्ल्ड बैंक के सहयोग से 1992 में पूरी हुई थी और तब से यह क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही है।

उद्योगों और बिजली उत्पादन में अहम भूमिका

हसदेव बांगो बांध छत्तीसगढ़ राज्य बिजली बोर्ड, नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन और अन्य औद्योगिक संयंत्रों की जल आवश्यकताओं को पूरा करता है। इसके साथ ही, बांध के निकट 120 मेगावाट की मिनीमाता हसदेव बांगो हाइडल पावर प्लांट का संचालन भी इसी जल से हो रहा है। यह परियोजना औद्योगिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

गेट खोलने की स्थिति

बांध में 21 गेट हैं, जो पानी को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जब जलस्तर 85 फीसदी से अधिक हो जाता है, तब तकनीकी मापदंडों के आधार पर गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को नदी में छोड़ा जाता है।

हसदेव बांगो बांध परियोजना न केवल जल संरक्षण बल्कि क्षेत्र की आर्थिक और कृषि प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।