एमडीआर-टीबी के इलाज में क्रांति, अब 6 महीने में होगा उपचार

कोरबा। कोरबा जिले में मल्टी ड्रग्स रेजिस्टेंट टीबी (एमडीआर-टीबी) के मरीजों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। अब कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में नई दवा के माध्यम से एमडीआर-टीबी का इलाज मात्र 6 महीने में संभव होगा।

पहले इस बीमारी के उपचार में 1 से 1.5 साल लगते थे, जिससे मरीजों को शारीरिक, सामाजिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

नई दवा की उपलब्धता से मरीजों को अब बिलासपुर या रायपुर जैसे शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्थानीय स्तर पर ही बेहतर उपचार की सुविधा मिलेगी, जिससे मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होगा।

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस नई दवा से केंद्र सरकार के 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को गति मिलेगी।

हालांकि,कोरबा जिले में टीबी मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है,लेकिन स्वास्थ्य विभाग सक्रियता से गांव- गांव में जांच और उपचार की प्रक्रिया को तेज कर रहा है।

स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय कर संभावित मरीजों की पहचान और समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा रहा है।