बिलासपुर। हरेली पर्व के दिन सीपत क्षेत्र के झलमला गांव में एक दुखद हादसे ने एक परिवार की खुशी को मातम में बदल दिया। दर्शन कर लौट रहा एक परिवार तुंगन नाले के पुल पर तेज बहाव में फंस गया, जिसके चलते उनकी कार बह गई। कार में सवार नौ लोगों में से आठ को बचा लिया गया, लेकिन तीन साल का मासूम तेजस साहू तेज धार में बह गया।
रातभर चला सर्च ऑपरेशन
घटना 24 जुलाई की रात की है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें देर रात से शुक्रवार तक सर्च ऑपरेशन में जुटी रहीं, लेकिन बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला। शुक्रवार को घटनास्थल से लगभग 300 मीटर दूर डूबी हुई कार बरामद की गई। स्वजन को उम्मीद थी कि तेजस कार में फंसा होगा, लेकिन कार खाली मिली। आशंका है कि बच्चा तेज बहाव में काफी दूर बह गया होगा।
पुल पर तीन फीट पानी बना हादसे का कारण
परिवार जब तुंगन नाले के पुल पर पहुंचा, तो वहां करीब तीन फीट पानी बह रहा था। इसके बावजूद चालक मोहनलाल साहू ने कार निकालने की कोशिश की। तेज बहाव के कारण कार अनियंत्रित होकर 60 फीट दूर बह गई। टीआई सतपथी के अनुसार, पानी का तेज बहाव सर्च ऑपरेशन में बाधा बना हुआ है। अनुमान है कि बच्चा और कार झलमला-सेलर एनीकट की ओर बह गए होंगे।
दरवाजा खोलकर बची जान, मासूम लापता
कार के बहते ही सवारों ने दरवाजा खोलकर तैरकर बाहर निकलने की कोशिश की। चार बच्चों समेत आठ लोग किसी तरह बच गए, लेकिन मोहनलाल का तीन साल का बेटा तेजस मां के हाथ से फिसलकर बहाव में समा गया।
लापरवाही ने छीनी मासूम की जिंदगी
पुलिस के अनुसार, वैगनआर जैसी छोटी कार में नौ लोग सवार थे। पुल पर पानी का तेज बहाव होने के बावजूद कार को पार करने की कोशिश की गई, जो इस हादसे की मुख्य वजह बनी। एसडीआरएफ का सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन बच्चे के मिलने की उम्मीद कम होती जा रही है।
Editor – Niraj Jaiswal
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