एसईसीएल कुसमुंडा जमीन अधिग्रहण विवाद, ग्रामीणों का पुतला दहन और कलेक्ट्रेट घेराव, पुलिस से झड़प

कोरबा जिले के कुसमुंडा क्षेत्र में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) द्वारा जमीन अधिग्रहण को लेकर भू-विस्थापितों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। पाली, पड़निया और आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने नौकरी और मुआवजे की मांग को लेकर सुभाष चौक पर एसईसीएल प्रबंधन का पुतला दहन किया और कलेक्ट्रेट का घेराव किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।

बड़ी संख्या में ग्रामीण सुभाष चौक पहुंचे, जहां उन्होंने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और पुतला जलाया। इसके बाद आंदोलनकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां गेट पर हंगामा और पुतला दहन के दौरान पुलिस के साथ विवाद और धक्का-मुक्की हुई।

प्रभावित महिला अंबिका पटेल ने बताया कि लंबे समय से वे नौकरी और मुआवजे की मांग उठा रहे हैं, लेकिन प्रबंधन उनकी मांगों को अनसुना कर रहा है। उन्होंने कहा, “कुछ दिन पहले हमने प्रबंधन कार्यालय में अर्धनग्न प्रदर्शन किया था। आज पुतला दहन और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन पुलिस ने महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की और अभद्र व्यवहार किया।”

नगर पुलिस अधीक्षक भूषण एक्का ने बताया कि ग्रामीणों ने मुआवजे और नौकरी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पुलिस पर अभद्र व्यवहार और झड़प के आरोपों की जांच की जाएगी।

यह विवाद दशकों पुराना है, क्योंकि 1980 के दशक में एसईसीएल द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले प्रभावितों को वादा किया गया रोजगार और मुआवजा अब तक पूरा नहीं हुआ है।

हाल के प्रदर्शनों, जिसमें 18 जुलाई को भू-विस्थापित महिलाओं ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया था, ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज होगा।