रायपुर।छत्तीसगढ़ में वाहन मालिकों के लिए पुरानी गाड़ियों की बिक्री या नामांतरण अब महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने “छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान नियम विधेयक 2025” के तहत नया कर प्रावधान लागू किया है, जिसके तहत वाहन ट्रांसफर पर अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इस कदम से सरकार को हर वाहन ट्रांजेक्शन पर राजस्व प्राप्त होगा, जिससे राज्य की आय में वृद्धि होने की उम्मीद है।
गैर-परिवहन और परिवहन वाहनों पर अलग-अलग टैक्स
नए नियमों के तहत, गैर-परिवहन वाहनों जैसे कार और बाइक के नामांतरण या बिक्री पर वाहन की रजिस्ट्रेशन कीमत का 1% टैक्स लगेगा। उदाहरण के तौर पर, ₹10 लाख की रजिस्ट्रेशन कीमत वाली कार के ट्रांसफर पर ₹10,000 टैक्स देना होगा। वहीं, परिवहन वाहनों जैसे ट्रक और बस पर यह टैक्स 0.5% निर्धारित किया गया है।
निर्माण वाहनों पर लाइफटाइम टैक्स
निर्माण कार्यों में उपयोग होने वाले वाहनों, जैसे लोडर, डंपर, मोबाइल क्रेन, और बेकहो लोडर, पर अब मासिक या त्रैमासिक टैक्स की जगह लाइफटाइम टैक्स लागू होगा। इन वाहनों के मालिकाना हक में बदलाव पर भी वाहन के मानक मूल्य का 0.5% ट्रांसफर टैक्स देना होगा।
विधानसभा से पास हुआ विधेयक
यह संशोधन विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा से पारित हो चुका है। इसका मुख्य उद्देश्य परिवहन और निर्माण क्षेत्र से स्थायी और पारदर्शी टैक्स वसूली सुनिश्चित करना है। सरकार का दावा है कि यह नई व्यवस्था टैक्स प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाएगी और हर वाहन की बिक्री से नियमित राजस्व अर्जन सुनिश्चित करेगी।
वाहन मालिकों पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ
नए टैक्स नियमों के कारण वाहन मालिकों को हर ट्रांसफर पर अतिरिक्त खर्च वहन करना होगा। सरकार को इससे नियमित आय का लाभ होगा, लेकिन वाहन मालिकों के लिए यह आर्थिक बोझ बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगा, लेकिन वाहन मालिकों के लिए लागत में इजाफा चिंता का विषय हो सकता है।
Editor – Niraj Jaiswal
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