कोरबा-पाली। पाली नगर पंचायत क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों के दौरान कांग्रेस शासनकाल में भ्रष्टाचार की इबारत लिखी गई है। साफ-सफाई, निर्माण कार्यों से लेकर हितग्राहीमूलक और जनहित के कार्यों में बड़े पैमाने पर धांधली की शिकायतें सामने आई हैं। आरोप है कि स्वीकृत राशि की तुलना में काफी कम खर्च कर गुणवत्ताहीन कार्य किए गए, जिसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है।
चाहे निर्माण कार्य हों या जन समस्याओं का निराकरण, स्वीकृत राशि में भारी बंदरबांट का खेल सामने आया है।
तत्कालीन कांग्रेस के चुने हुए पदाधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से यह खेल खेला गया। क्षेत्र में चर्चा है कि यदि राज्य सरकार इसकी गहन जांच कराए तो घोटाले की परतें प्याज के छिलकों की तरह खुलेंगी और करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा होगा।
नगर पंचायत के गलियारों में शुरू से ही इस बात की सुगबुगाहट रही है कि अपने कार्यकाल के घोटालों को दबाने के लिए तत्काल बाद सत्ता दल से सांठ-गांठ की गई।
हालांकि, यह कोशिश नाकाम हो सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का स्पष्ट ऐलान किया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो तो भ्रष्टाचार के कई बड़े चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
जनता अब सरकार से इस घोटाले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रही है।
Editor – Niraj Jaiswal
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