रायपुर। माना एयरपोर्ट पर 12 मई 2022 को हुए शासकीय हेलीकॉप्टर अगस्ता A109E की क्रैश लैंडिंग के मामले में तीन साल बाद कार्रवाई हुई है। तत्कालीन चीफ पायलट पंकज जायसवाल की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं, जो वर्तमान में राज्य विमानन विभाग में मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यरत थे। इस हादसे में दो पायलट, कैप्टन एपी श्रीवास्तव और कैप्टन गोपाल कृष्ण पांडा की मौत हो गई थी।
जांच में खुलासा हुआ है कि हादसे के लिए मेंटेनेंस में गंभीर लापरवाही जिम्मेदार थी। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की रिपोर्ट के अनुसार, माना एयरपोर्ट पर सरकारी हेलीकॉप्टर का रखरखाव सिस्टम बेहद कमजोर था और जरूरी पार्ट्स का समय पर प्रतिस्थापन नहीं किया जा रहा था। डीजीसीए ने तीन महीने पहले अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी थी, जिसे शुरू में दबाए रखा गया। हालांकि, समाचार पत्रों के माध्यम से रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद राज्य विमानन विभाग ने जिम्मेदारों की भूमिका की जांच शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप पंकज जायसवाल की सेवाएं समाप्त की गईं।
हादसे के बाद तत्कालीन भूपेश सरकार ने न केवल जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने में देरी की, बल्कि जांच के आदेश भी नहीं दिए। इसके उलट, पंकज जायसवाल को तीन लाख रुपये मासिक वेतन पर मुख्य सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया था। इस कार्रवाई ने उस समय कई सवाल खड़े किए थे। अब डीजीसीए की रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई से इस मामले में जवाबदेही तय करने की दिशा में कदम उठाया गया है।
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