कोरबा। राज्य शासन के दिशा-निर्देशों के तहत कोरबा जिले में अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग और समायोजन प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्कूलों की तस्वीर बदलने लगी है। जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित शिक्षकविहीन और एकलशिक्षकीय विद्यालयों में अब नए शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा की गारंटी मिली है।
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शालाओं में 305 अतिशेष प्रधानपाठकों और सहायक शिक्षकों को 14 शिक्षकविहीन और 273 एकलशिक्षकीय विद्यालयों में नियुक्त किया है।
अब प्रत्येक प्राथमिक शाला में कम से कम दो शिक्षक मौजूद हैं। माध्यमिक शालाओं में 4 प्रधानपाठकों और 147 शिक्षकों को पदस्थ किया गया, जिससे 20 एकलशिक्षकीय, 4 शिक्षकविहीन और 62 द्विशिक्षकीय मिडिल स्कूलों में अब कम से कम तीन शिक्षक उपलब्ध हैं। हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में 74 अतिशेष व्याख्याताओं को गणित, विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी और कॉमर्स जैसे विषयों की कमी वाले स्कूलों में नियुक्त किया गया है।
इस युक्तियुक्तकरण का लाभ न केवल विद्यार्थियों को मिल रहा है, बल्कि शिक्षकों के कार्यभार में भी कमी आई है। पहले शिक्षकों को संलग्न कर दूरस्थ स्कूलों में भेजा जाता था, जिससे पढ़ाई और अन्य कार्य प्रभावित होते थे। अब ऐसी समस्याएं खत्म हो गई हैं।
कोरबा विकासखंड के ग्राम कदमझेरिया के प्राथमिक शाला का उदाहरण सामने आया, जहां पहले एकलशिक्षकीय विद्यालय में अब दो शिक्षक हैं। पहाड़ी कोरवा जनजाति के विद्यार्थी ज्योति, राजेश, जितेश और सुमित्रा ने बताया कि नई शिक्षिका के आने से पढ़ाई बेहतर हुई है और अब कोई कक्षा खाली नहीं रहती। पोड़ी उपरोड़ा, पाली और कोरबा ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में भी इस बदलाव का सकारात्मक असर दिख रहा है।
Editor – Niraj Jaiswal
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