जांजगीर-चांपा जिले के पामगढ़ ब्लॉक के मेउ शासकीय पूर्व प्राथमिक शाला में गणित की शिक्षिका रामशीला कश्यप के पिछले 9 साल से स्कूल नहीं आने के कारण ग्रामीणों, पालकों और छात्रों में आक्रोश फैल गया है। नाराज ग्रामीणों और छात्रों ने मंगलवार को स्कूल के मुख्य गेट पर ताला जड़कर प्रदर्शन किया और जल्द से जल्द गणित शिक्षक की नियुक्ति की मांग की।
ग्रामीणों के अनुसार, रामशीला कश्यप को 21 जुलाई 2015 को शासकीय पूर्व प्राथमिक शाला मेउ में गणित की शिक्षिका के रूप में नियुक्त किया गया था। लेकिन 9 साल बीत जाने के बावजूद वे एक भी दिन स्कूल नहीं आईं। इससे छात्रों की गणित की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। नाराज ग्रामीणों, पालकों और छात्रों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़कर प्रशासन के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों और पालकों का कहना है कि गणित शिक्षक की अनुपस्थिति के कारण बच्चे गणित के विषय में पिछड़ रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि स्कूल में तत्काल गणित के शिक्षक की नियुक्ति की जाए, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे आगे और उग्र प्रदर्शन करेंगे।
घटना की सूचना मिलते ही पामगढ़ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) मौके पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों और पालकों से बातचीत कर स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, अभी तक शिक्षिका की अनुपस्थिति के कारणों और नई नियुक्ति को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
यह घटना जिले की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि एक शिक्षिका 9 साल तक स्कूल नहीं आती और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगती, तो यह व्यवस्था की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने मांग की है कि ऐसी लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो।
जांजगीर-चांपा जिला, जो छत्तीसगढ़ के हृदय के रूप में जाना जाता है, में इस तरह की घटनाएं शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती हैं।
Editor – Niraj Jaiswal
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