आत्मानंद स्कूल में हिंदी माध्यम शुरू करने की मांग, ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, प्रिंसिपल पर मनमानी का आरोप

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। जिले के ग्राम पंचायत सेमरा के आत्मानंद स्कूल में हिंदी माध्यम में पढ़ाई दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर मंगलवार को ग्रामीणों ने चक्काजाम कर कड़ा विरोध दर्ज किया। नाराज स्थानीय लोगों ने स्कूल के प्रिंसिपल पर मनमानी और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में एसडीएम ऋचा चंद्राकर को ज्ञापन सौंपा।

हिंदी माध्यम बंद करने का आरोप

प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि आत्मानंद स्कूल के प्रिंसिपल ने बिना किसी सरकारी आदेश के हिंदी माध्यम की पढ़ाई बंद कर दी, जिससे हिंदी माध्यम के छात्रों को पढ़ाई में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि साल 2020 में आत्मानंद स्कूल बनने से पहले यह स्कूल हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में संचालित होता था। उन्होंने मांग की है कि सेमरा के आत्मानंद स्कूल को फिर से हिंदी माध्यम में संचालित किया जाए, ताकि स्थानीय बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत न हो।

प्रिंसिपल पर मनमानी का आरोप

स्थानीय निवासियों ने प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका व्यवहार बच्चों और अभिभावकों के प्रति अभद्र है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रिंसिपल की मनमानी और खराब व्यवहार के कारण बच्चे हीनभावना का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से प्रिंसिपल को तत्काल हटाने की मांग की है।

प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने एसडीएम ऋचा चंद्राकर को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों को दोहराया। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि स्कूल में हिंदी माध्यम की पढ़ाई तुरंत शुरू की जाए और प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की जाए। एसडीएम ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि मामले की जांच कर उचित कदम उठाए जाएंगे।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है। ग्रामीणों का कहना है कि आत्मानंद स्कूल जैसे संस्थानों को स्थानीय बच्चों की जरूरतों के अनुसार संचालित किया जाना चाहिए। हिंदी माध्यम बंद होने से विशेष रूप से उन बच्चों को नुकसान हो रहा है, जो अंग्रेजी में पढ़ाई करने में असहज हैं।