कोरबा जिले के करतला क्षेत्र के शासकीय माध्यमिक शाला में गणित विषय अब बच्चों के लिए डर का पर्याय नहीं रहा। पहले कक्षा 8वीं के छात्रों के लिए समीकरण, स्क्वायर, क्यूब, रूट और एल्जेब्रा जैसे विषय रहस्यमयी और उलझन भरे थे। फॉर्मूले याद होने के बावजूद उन्हें लागू करने में बच्चे असमर्थ थे।
शिक्षकों की कमी के कारण यह समस्या न केवल करतला, बल्कि प्रदेश के सैकड़ों स्कूलों में बच्चों की शिक्षा को प्रभावित कर रही थी।छत्तीसगढ़ शासन की युक्तियुक्तकरण नीति ने इस स्थिति को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस नीति के तहत सुदूरवर्ती और शिक्षकविहीन स्कूलों में विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है।
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण करतला के शासकीय माध्यमिक शाला में देखने को मिला, जहाँ हाल ही में गणित शिक्षक किशोर केसरवानी की नियुक्ति हुई। पहले इस स्कूल में गणित शिक्षक की अनुपस्थिति के कारण बच्चों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
अब श्री केसरवानी के आने से न केवल बच्चों की समस्याएँ हल हुई हैं, बल्कि गणित के प्रति उनकी रुचि और आत्मविश्वास भी बढ़ा है।
शिक्षक किशोर केसरवानी ने बच्चों को मूलभूत फॉर्मूलों को दोहराने, बीस तक का पहाड़ा याद करने और रोजमर्रा की गतिविधियों के जरिए गणित को समझाने का नवाचारी तरीका अपनाया है। इससे बच्चों में गणित के प्रति नया उत्साह जागा है, और उनकी शैक्षिक प्रगति में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
Editor – Niraj Jaiswal
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