मंदिर में मूर्तियों पर खून से तिलक, अंधविश्वास में दो गिरफ्तार

गरियाबंद जिले के राजिम में एक मंदिर में अंधविश्वास से प्रेरित एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। रविवार शाम जब ग्रामीण पूजा के लिए मंदिर पहुंचे, तो उन्होंने देवी-देवताओं की मूर्तियों पर खून से लगे तिलक देखकर दहशत का माहौल बन गया। मंदिर प्रशासन ने इस घटना को मंदिर को अपवित्र करने की कोशिश मानते हुए राजिम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने शिकायत के आधार पर तत्काल कार्रवाई शुरू की और जांच के दौरान ग्राम देवरी, स्कूलपारा निवासी दो संदिग्धों, लीलाराम साहू (42 वर्ष) और कामता प्रसाद साहू (50 वर्ष) को हिरासत में लिया।

पूछताछ में दोनों ने अपराध कबूल करते हुए बताया कि उन्होंने अंधविश्वास के चलते मंदिर की मूर्तियों पर जानबूझकर खून लगाया था। आरोपियों का दावा है कि उन्हें कहीं से जानकारी मिली थी कि मूर्तियों पर खून का तिलक लगाने से घर में सुख-समृद्धि और धन-दौलत आती है।

गरियाबंद ASP जीतेन्द्र चंद्राकर ने बताया कि इस मामले में दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 298 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों के खिलाफ पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई भी शुरू की गई है। पुलिस ने आगे की जांच शुरू कर दी है ताकि इस घटना के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके।

गिरफ्तार आरोपियों का विवरण:

लीलाराम साहू: उम्र 42 वर्ष, पिता श्याम लाल साहू, निवासी ग्राम देवरी, स्कूलपारा, थाना राजिम, जिला गरियाबंद।

कामता प्रसाद साहू: उम्र 50 वर्ष, पिता अधारी साहू, निवासी ग्राम देवरी, स्कूलपारा, थाना राजिम, जिला गरियाबंद।

यह घटना क्षेत्र में अंधविश्वास की गहरी जड़ों को दर्शाती है, और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी अफवाहों पर विश्वास न करें और सामाजिक जागरूकता फैलाएं।