कोरबा। जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक महिला ने विकासखंड पाली के भंडारखोल निवासी जानकुंवर और उनके परिचितों से 10 लाख 55 हजार रुपये की ठगी कर ली। कई महीनों तक नौकरी न मिलने और राशि वापस न होने पर पीड़ित परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, जानकुंवर रिस्दी में किराए के मकान में रहती हैं और 2021 में सिपेट स्याहीमुड़ी में उनकी ड्यूटी लगी थी। यहीं उनकी मुलाकात सुनीता यादव से हुई, जो वहां भृत्य का काम करती थी।
2022 में कोविड की दूसरी लहर के दौरान सिपेट में दोबारा ड्यूटी के समय सुनीता से फिर मुलाकात हुई। सुनीता ने अपनी सहेली संजू कुर्रे के बारे में बताया, जो गोढ़ी में रहती है और कथित तौर पर रायपुर मंत्रालय में अधिकारियों से अच्छी जान-पहचान होने का दावा करती थी।
सुनीता ने जानकुंवर को भरोसा दिलाया कि संजू उनकी और उनके परिवार के लिए नौकरी लगवा सकती है। जानकुंवर ने अपने लिए नौकरी के अलावा अपने पति के लिए पटवारी, भाई के लिए सब-इंस्पेक्टर और अन्य रिश्तेदारों के लिए भी नौकरी की बात की।
संजू के झांसे में आकर जानकुंवर और उनके पति ने गोढ़ी में संजू के घर जाकर 50 हजार रुपये एडवांस दिए। इसके बाद अलग-अलग तारीखों पर जानकुंवर और उनके परिचितों ने 6 लाख 76 हजार रुपये बैंक ट्रांसफर किए। कुल मिलाकर 10 लाख 55 हजार रुपये संजू को दिए गए, लेकिन किसी को भी नौकरी नहीं मिली।
ठगी का अहसास होने पर जानकुंवर और उनके परिवार ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर संजू कुर्रे और अन्य संलिप्त लोगों की तलाश शुरू कर दी है। जांच में सीसीटीवी फुटेज और बैंक ट्रांजेक्शन की डिटेल्स की भी पड़ताल की जा रही है।
Editor – Niraj Jaiswal
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