ट्रैफिक अव्यवस्था बनी चुनौती: सड़कों पर जाम, प्रशासन से मास्टर प्लान की मांग

कोरबा। छत्तीसगढ़ की ऊर्जा नगरी कोरबा में बढ़ती ट्रैफिक अव्यवस्था शासन-प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गई है। वाहनों की संख्या में लगातार इजाफा और सीमित सड़कों के कारण शहर के प्रमुख चौराहों पर रोजाना जाम की स्थिति बन रही है। सोनालिया चौक, टीपी नगर, पवन टॉकीज, और मां सर्वमंगला मंदिर मार्ग जैसे क्षेत्रों में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है, जिससे आम नागरिकों को घंटों जाम में फंसना पड़ रहा है।

शहर के मध्य में स्थित सोनालिया चौक ट्रैफिक अव्यवस्था का जीता-जागता उदाहरण है। सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक यहां जाम की स्थिति बनी रहती है। ट्रैफिक पुलिस की तैनाती के बावजूद कोई सुधार नहीं दिख रहा। लोग ट्रेन पकड़ने, कार्यालय जाने या अन्य जरूरी कामों के लिए घंटों फंसे रहते हैं।

टीपी नगर में होटल गणेश इन के खुलने से ट्रैफिक की समस्या और गंभीर हो गई है। होटल के ग्राहक सड़क पर ही वाहन पार्क कर देते हैं, जिससे मुख्य मार्ग का आधा हिस्सा अवरुद्ध हो जाता है। सूत्रों के अनुसार, होटल ने पार्किंग के लिए बनाई गई अंडरग्राउंड जगह को रसोई में बदल दिया है, जिससे ग्राहकों को सड़क पर गाड़ियां खड़ी करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। स्थानीय लोग नगर निगम से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पवन टॉकीज के सामने और मां सर्वमंगला मंदिर जाने वाले मार्ग पर भी ट्रैफिक जाम की समस्या आम है। फल दुकानों और सड़क किनारे खड़े वाहनों के कारण यह मार्ग हमेशा अवरुद्ध रहता है। यह मार्ग कुसमुंडा, दीपिका, गेवरा, और आसपास के 100-200 गांवों को जोड़ता है, जहां से लोग स्वास्थ्य, शिक्षा, और प्रशासनिक कार्यों के लिए कोरबा आते हैं। सीएसईबी चौक से इंदिरा स्टेडियम और टीपी नगर चौक तक भारी वाहनों का आवागमन और सड़क पर पार्किंग स्थिति को और जटिल बनाता है।

कोरबा में कोयला, राखड़, बॉक्साइट, रेत, गिट्टी, और पावर प्लांट के लिए भारी मशीनरी का परिवहन सड़कों के माध्यम से होता है। रेल मार्ग केवल कोयला परिवहन तक सीमित है, जिससे सड़कों पर दबाव बढ़ता है। टीपी नगर में भारी वाहनों के लिए चिह्नित पार्किंग स्थल पर खराब और कबाड़ वाहन खड़े होने से व्यवस्था बिगड़ रही है।

बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के कारण कोरबा में सड़क दुर्घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। जिले में सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसों में होती हैं। सीमित सड़क चौड़ाई और अव्यवस्थित पार्किंग इसकी प्रमुख वजह हैं।

स्थानीय लोग और विशेषज्ञ नगर निगम से एक नया मास्टर प्लान बनाने की मांग कर रहे हैं, जिसमें सड़कों का चौड़ीकरण, पार्किंग स्थलों का विकास, और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक शामिल हो। कोरबा में विकास के लिए धन की कमी नहीं है, फिर भी ट्रैफिक अव्यवस्था बनी हुई है। नागरिकों ने शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है।

ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम ने दावा किया है कि स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन आम नागरिकों को अभी तक राहत नहीं मिली है।