कुसमुण्डा में पुराने रोजगार प्रकरणों पर चर्चा, 244 मामलों में 16 को मिला रोजगार, शेष पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन

कोरबा। कुसमुण्डा क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण और पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों को लेकर 5 जून को अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) कटघोरा रोहित सिंह और एसईसीएल कुसमुण्डा क्षेत्र के महाप्रबंधक की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें एसईसीएल मुख्यालय से भू-राजस्व और श्रम शक्ति विभाग के अधिकारी, कुसमुण्डा क्षेत्र के भू-राजस्व विभाग, छत्तीसगढ़ किसान सभा, माटी अधिकार मंच के पदाधिकारी और बड़ी संख्या में भूविस्थापित शामिल हुए।

बैठक में 1978 से 1996 तक के 244 लंबित रोजगार प्रकरणों पर विस्तृत चर्चा हुई। कुसमुण्डा प्रबंधन ने बताया कि 2024 से अब तक 16 खातेदारों को रोजगार दिया जा चुका है। 39 प्रकरण भू-अर्जन के बाद जन्मे व्यक्तियों के हैं, जो नीति के दायरे में नहीं आते और इनका मामला न्यायालय में विचाराधीन है। 44 प्रकरणों में पहले रोजगार दिया जा चुका है, लेकिन दो मामलों में फर्जीवाड़ा पाए जाने पर नौकरी समाप्त की गई। शेष 42 प्रकरणों की फाइलें राज्य शासन को जांच के लिए भेजी जाएंगी।

चार प्रकरणों में अर्जन के बाद भूमि स्वामित्व पाया गया, जिनमें मृतक भूस्वामियों के नामांतरण के बाद कार्रवाई होगी। छह प्रकरण शासकीय पट्टेदारों के हैं, जिनके स्वामित्व का प्रमाणन राज्य शासन करेगा। 23 प्रकरणों में दस्तावेज अपूर्ण हैं, जिन्हें पूर्ण करने के लिए पत्र भेजे जा रहे हैं। चार प्रकरण मुख्यालय में और 13 राज्य शासन के पास सत्यापन के लिए लंबित हैं, जिन्हें जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया।

पिछले कई वर्षों से भूविस्थापितों द्वारा इन प्रकरणों को लेकर आंदोलन और खदान बंदी की जाती रही है। इस बैठक में कई लंबित मामलों पर निर्णय लिए गए, जिससे भूविस्थापितों में सकारात्मक संदेश गया।

एसईसीएल प्रबंधन ने 25 प्रकरणों पर त्वरित कार्रवाई और निराकरण का आश्वासन दिया। बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुई, और अगली बैठक 15 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है।