कोरबा। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की महत्वाकांक्षी महतारी जतन योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इस घोटाले ने कोरबा के सहायक श्रमायुक्त कार्यालय की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ ने इस अनियमितता को उजागर करते हुए उच्च-स्तरीय जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
छत्तीसगढ़ मजदूर शक्ति संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़वाल और महामंत्री संतोष मिश्रा के मार्गदर्शन में जिला अध्यक्ष निलेश साहू ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जांच की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। गर्भवती महिला श्रमिकों को आर्थिक सहायता देने वाली इस योजना में अपात्र व्यक्तियों को लाभ देने, जन्म प्रमाण पत्रों में हेरफेर, दोहरे लाभ, और तीसरी संतान के लिए नियमविरुद्ध लाभ देने जैसे मामले उजागर हुए हैं।
संघ का आरोप है कि श्रम निरीक्षकों, च्वाइस सेंटरों और कुछ हितग्राहियों की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा हुआ। योजना की राशि का 50% से अधिक हिस्सा “मुंहबोले एजेंटों” की जेब में जाता है, जबकि शेष राशि ही हितग्राहियों तक पहुंचती है।
कई मामलों में अपात्र व्यक्तियों को पहले “गृहिणी” बताकर खारिज किया गया, फिर “मजदूर” के रूप में लाभ दिया गया। दस्तावेजों में कूटरचना और परिवार की जानकारी छिपाकर लाभ लेने के भी मामले सामने आए हैं।
संघ ने इस भ्रष्टाचार पर गहरी चिंता जताते हुए विभाग को पत्र लिखकर और सहायक श्रमायुक्त राजेश आदिले को ज्ञापन सौंपकर तत्काल जांच की मांग की है। आदिले ने आश्वासन दिया है कि अपात्र हितग्राहियों से राशि वसूली जाएगी और दोषियों, जिसमें हितग्राही, श्रम निरीक्षक, और कल्याण निरीक्षक शामिल हैं, के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी।
जिला अध्यक्ष निलेश साहू और महामंत्री दिपेंद्र यादव ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि कोरबा में कई अन्य योजनाओं में भी फर्जीवाड़े की आशंका है, जिनकी जांच जारी है। संघ ने वास्तविक हितग्राहियों को लाभ सुनिश्चित करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला अब सरकार और श्रम विभाग के लिए चुनौती बन गया है। देखना होगा कि इस घोटाले की जड़ें उखाड़ने और योजना को पारदर्शी बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं, ताकि जरूरतमंदों तक इसका लाभ पहुंच सके।
Editor – Niraj Jaiswal
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