कोरबा-कोरबी-चोटिया। कटघोरा वनमंडल के पसान क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोटमर्रा के कंपार्टमेंट नंबर पी-188 में नीलगिरी के प्लांटेशन में बड़े पैमाने पर अवैध वृक्ष कटाई और लकड़ी तस्करी का मामला सामने आया है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लकड़ी तस्करों द्वारा करीब 150 से 200 हरे-भरे वृक्षों को काटकर उनका अवैध परिवहन किया जा रहा है। ग्रामीणों ने तस्करी में शामिल एक वाहन को पकड़कर वन विभाग के रेंजर आर.एन. ददावत को सूचित किया, लेकिन आरोप है कि रेंजर ने लेन-देन कर वाहन को छोड़ दिया।
ग्रामीणों का विरोध और वन विभाग पर गंभीर आरोप
वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के बावजूद वन विभाग तस्करों को संरक्षण दे रहा है, जिससे लकड़ी तस्करों का मनोबल बढ़ा हुआ है। तस्कर बेखौफ होकर जंगल में प्रवेश कर इमारती महत्व के हरे-भरे वृक्षों को काट रहे हैं और उनकी तस्करी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि अवैध वृक्ष कटाई और लकड़ी तस्करी पर तत्काल रोक लगाई जाए।
वन विभाग की भूमिका पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग की निष्क्रियता और कथित भ्रष्टाचार के कारण तस्करों को खुली छूट मिल रही है। रेंजर आर.एन. ददावत पर लकड़ी तस्करों के साथ साठगांठ का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने इस मामले की जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह घटना क्षेत्र में वन संरक्षण और प्रबंधन की खामियों को उजागर करती है।
अवैध लकड़ी तस्करी का पर्यावरण पर प्रभाव
अवैध वृक्ष कटाई न केवल जंगल की जैव-विविधता को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि मिट्टी का कटाव, पर्यावरणीय असंतुलन और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याओं को भी बढ़ा रही है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो क्षेत्र के पर्यावरण और आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
Editor – Niraj Jaiswal
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