धनरास में एनटीपीसी के खिलाफ ग्रामीणों का उग्र प्रदर्शन, अफसरों पर फेंकी राख

ऊर्जाधानी कोरबा में एनटीपीसी के पावर प्लांट से उत्पन्न होने वाले राखड़ प्रदूषण के खिलाफ धनरास गांव के ग्रामीणों ने शुक्रवार को जोरदार प्रदर्शन किया। गुस्साए ग्रामीणों ने एनटीपीसी के अफसरों पर राख फेंककर बढ़ते प्रदूषण और प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ अपना विरोध दर्ज किया।

ग्रामीणों का आरोप है कि पावर प्लांट से निकलने वाली राख उनके घरों, खेतों और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है, और प्रबंधन ने इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

राखड़ प्रदूषण से परेशान ग्रामीण

धनरास गांव के समीप स्थित एनटीपीसी के पावर प्लांट से निकलने वाली राखड़ गर्मी के मौसम में तेज हवाओं के साथ आसपास के गांवों पुरैनाखार, झोरा, छूरी, घोरापाठ, घमोटा और लोतलोता में फैल रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि राखड़ डैम का उचित प्रबंधन न होने के कारण फसलें बर्बाद हो रही हैं, खेती योग्य जमीन दलदली हो गई है, और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं। घरों में रखा खाना और बर्तन भी राख से खराब हो रहे हैं।

शुक्रवार को जब एनटीपीसी के अफसर ग्रामीणों को समझाने पहुंचे, तो गुस्साए लोगों ने उन पर राख फेंककर अपना आक्रोश व्यक्त किया। ग्रामीणों ने राख के परिवहन को भी रोक दिया, जिसके बाद अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।

पहले भी हो चुके हैं आंदोलन

यह पहली बार नहीं है जब धनरास के ग्रामीणों ने प्रदूषण के खिलाफ आवाज उठाई है। अक्टूबर 2024 में भी ग्रामीणों ने इसी मुद्दे पर प्रदर्शन किया था, जिसके बाद प्रशासन और एनटीपीसी प्रबंधन ने रोजगार, मूलभूत सुविधाओं और राख प्रदूषण के समाधान का वादा किया था।

हालांकि, ग्रामीणों का दावा है कि इनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। उनकी मांग है कि राखड़ डैम का उचित प्रबंधन हो, खेती योग्य जमीन को बचाया जाए, और प्रभावित गांवों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

प्रबंधन का आश्वासन, लेकिन समाधान कब?

प्रदर्शन के बाद एनटीपीसी प्रबंधन के अधिकारियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और जल्द ही प्रदूषण और राख की समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार आश्वासन के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। राख का परिवहन रोकने के बाद ही अधिकारी हरकत में आए, क्योंकि यह पावर प्लांट के संचालन के लिए जरूरी है।

कोरबा, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली उत्पादन के लिए जाना जाता है, अब प्रदूषण की समस्या से भी जूझ रहा है। धनरास और आसपास के गांवों के ग्रामीणों की मांग है कि एनटीपीसी प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभाए और उनके जीवन को प्रभावित करने वाली इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान करे।